भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आज एक ‘सवालनामा’ भेजा है, जिसमें खाद्यान्न की कमी को लेकर केन्द्रीय मंत्रियों की काल्पनिक बयानबाजी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा गया है कि यह महंगाई नियंत्रण के लिए किया जा रहा है या फिर अफरातफरी फैलाने के लिए.
गडकरी ने ‘महंगाई, गरीबी और खाद्य अराजकता’ के बारे में प्रधानमंत्री से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. इनमें प्रकांड अर्थशास्त्री माने जाने वाले मनमोहन सिंह से पूछे गए सवालों की सूची इस प्रकार है:
1. भारत की मुद्रास्फीति विश्व में सबसे अधिक क्यों है?
2. ऐसा क्यों है कि विश्व स्तर पर जब यह औसतन एक से दो प्रतिशत है, भारत में 11 प्रतिशत क्यों है?
3. भारत में विश्व औसत के मुकाबले चीनी की कीमत दोगुनी क्यों है?
4. गेहूं और अन्य खाद्य सामग्रियों की कीमत 80 प्रतिशत अधिक क्यों है?
5. ऐसा क्यों हुआ कि पहले 48 लाख टन चीनी 12.50 रूपये प्रति किलो के हिसाब से निर्यात की गयी और बाद में इसे 22 रूपये से 32 रूपये किलो के हिसाब से आयात की गयी?
6. मंत्री खाद्यान्न की कमी और कम उत्पादन के बारे में बीच बीच में काल्पनिक बयान जारी करते रहते हैं. इसके पीछे सरकार के निहित स्वार्थ क्या हैं?
{mospagebreak}7. अनाज उत्पादन की कमी के बारे में इस तरह की भविष्यवाणियां करके क्या मूल्यों को नियंत्रित किया जा रहा है या अफरातफरी फैलायी जा रही है?
8. ‘इस तरह की हरकतों से आप किसे लाभ पहुंचा रहे हैं सटोरियों, जुगाडुओं या बहुराष्ट्रीय कंपनियों को?’
9. ‘एक तरफ आप दावा कर रहे हैं कि गरीबी घटी है और दूसरी तरफ योजना आयोग ने बताया था कि 2005 में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली जनसंख्या 31 करोड़ है और दिसंबर 2009 में तेंदुलकर समिति ने कहा कि यह 42 करोड़ है. ऐसा क्यों?’
10. एक ओर सरकारी गोदामों में खाद्यान्न जरूरत से ज्यादा अटे पड़े हैं और सड़ रहे हैं, ऐसे में उनकी कीमतें आसमान क्यों छू रही हैं और गरीब आधा पेट खाने को मजबूर क्यों हैं?
11. क्या यह सच नहीं है कि सरकार द्वारा नियुक्त सक्सेना समिति ने कहा है कि 51 प्रतिशत गरीबों को बीपीएल राशन कार्ड नहीं दिये गये हैं, जिससे वे इसके तहत सस्ती दरों पर खाद्यान्न पाने से वंचित हैं.
12. गडकरी ने यह भी पूछा कि किसानों को उनकी उपज का अत्यधिक कम मूल्य मिलता है जबकि आम आदमी को उंचा भुगतान क्यों करना पडता है?