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कम्प्यूटर निगरानी मामला: शाह ने राहुल पर ली चुटकी, कहा- क्या डर है जिसको छुपा रहे हो

जांच एजेंसियों को किसी भी निजी कम्प्यूटर की निगरानी का अधिकार देने की आलोचना करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अमित शाह ने चुटकी ली है. बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा कि राहुल गांधी फिर से भयभीत होकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली राजनीति कर रहे हैं. राहुल पर चुटली लेते हुए शाह ने लिखा, 'तुम इतना क्यों झुठला रहे हो, क्या डर है जिसको छुपा रहे हो!'

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फोटो- aajtak.in)
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फोटो- aajtak.in)

मोदी सरकार द्वारा 10 जांच एजेंसियों को किसी भी निजी कम्प्यूटर की निगरानी करने का हक देने को लेकर घमासान तेज होता जा रहा है. इसको लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला बोला, तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुटीले अंदाज में पलटवार किया. इस दौरान उन्होंने यूपीए सरकार पर गैरकानूनी तरीके से निगरानी करने का आरोप भी लगाया.

बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'राहुल गांधी फिर से भयभीत होकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली राजनीति कर रहे हैं. यूपीए सरकार ने गैरकानूनी निगरानी पर किसी तरह का बैरियर नहीं लगाया था. हालांकि जब मोदी सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाया, तो राहुल गांधी साजिश के नाम पर चिल्ला रहे हैं.'

इसके साथ अमित शाह ने राहुल गांधी पर चुटली लेते हुए लिखा, 'तुम इतना क्यों झुठला रहे हो, क्या डर है जिसको छुपा रहे हो!' अमित शाह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर का लिंक भी शेयर किया है.

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इससे पहले राहुल गांधी ने जांच एजेंसियों को किसी भी निजी कम्प्यूटर की निगरानी करने का अधिकार दिए जाने के सर्कुलर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया. उन्होंने पीएम मोदी पर इस सर्कुलर के जरिए देश को पुलिस राज्य में तब्दील करने का भी आरोप जड़ा.

कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'मोदी जी, भारत को पुलिस राज्य में तब्दील करने से समस्याओं का समाधान नहीं होने वाला है. इसके जरिए आप एक अरब से ज्यादा भारतीयों के सामने सिर्फ यह साबित कर रहे हैं कि आप कितने आशंकित तानाशाह हैं.'

इसके अलावा केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी केंद्र सरकार के इस सर्कुलर का विरोध करने पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि मामले की सच्चाई जाने बिना ही बयान दिया जा रहा, जो भारत की सुरक्षा के खिलाफ है. यह सर्कुलर मनमोहन सरकार के समय बनाए गए कानून के तहत जारी किया गया है.

उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी निगरानी करती थीं, तब इसका दुरुपयोग होता था. हालांकि अब यह पारदर्शी हो गया है और संविधान के दायरे में है. गृह सचिव की मंजूरी के बगैर कोई निगरानी नहीं होगी.

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