पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 18 सीटें जीतने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का अगला लक्ष्य राज्य का विधानसभा चुनाव है. 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपने सदस्यों की संख्या को डबल करने का लक्ष्य बनाया है. पश्चिम बंगाल के प्रमुख नेताओं की एक बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को कहा कि इस वक्त बंगाल में पार्टी के 42 लाख से अधिक सदस्य है और वह सदस्यता अभियान के दौरान उसे बढ़कार एक करोड़ से अधिक करने की कोशिश करेगी.
बता दें कि बीजेपी श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के मौके पर छह जुलाई से सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी. दिलीप घोष ने बताया कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 2.3 करोड़ से अधिक वोट मिले जो राज्य में उसके अबतक के सबसे अधिक वोट हैं. बीजेपी अब चाहती है कि इन वोटरों पार्टी के साथ जोड़ा जाए और मतदाताओं से पार्टी के रिश्ते को मजबूत किया जाए. यही वजह है कि बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक करोड़ से अधिक सदस्य बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य बनाया है. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के सांसदों और दूसरे नेताओं को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी है. बीजेपी का सदस्यता अभियान एक महीने तक चलेगा. इसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया भी जा सकता है.
आगामी 6 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे। कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा की। pic.twitter.com/LFEkj5zpOt
— BJP (@BJP4India) July 2, 2019
बीजेपी सदस्यता अभियान को पूरे देश में शुरू करने जा रही है. 6 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे. पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस बावत पार्दी पदाधिकारियों के साथ कई बार बैठक कर चुके हैं. मंगलवार को उन्होंने इस तैयारी को अंतिम रूप दे दी है.
हाल में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 में होने को है. बीजेपी नेता लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में पैदा हुए आत्मविश्वास को बरकरार रखना चाहते हैं. उन्हें उम्मीद है कि 2021 में जब सीएम ममता बनर्जी सरकार के दस साल हो जाएंगे तो वे एक मजबूत विकल्प बनकर उभरेंगे.