उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य का केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करने का प्रस्ताव अस्वीकार करते हुए कहा है कि यह काम उनकी सरकार और मंदिर समिति करेगी. हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि आठवीं सदी के इस मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए फंड में कोई भी योगदान दे सकता है.
एक इंटरव्यू में बहुगुणा ने कहा, ‘मैं इस बात पर अटल हूं और पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि मंदिर का निर्माण राज्य सरकार और मंदिर की समिति करेगी. इसके निर्माण के लिए कोई भी दान दे सकता है.’ बहुगुणा ने कहा, ‘कोई भी राज्य, कोई भी नेता और भारत या विदेश का कोई भी दल जो संपूर्ण केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में मदद करना चाहता है, उसका स्वागत है.’
उन्होंने कहा, ‘पूरे केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में हमारी मदद करने वाले हर व्यक्ति का हम स्वागत करते हैं. हमें आर्थिक मदद की जरूरत है. हमारे पास इस कार्य के लिए लोग और इंजीनियर हैं.’ बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार और मंदिर की समिति सुझावों का स्वागत करती हैं लेकिन इस संबंध में अंतिम निर्णय वे ही लेंगे. मोदी ने पिछले सप्ताह उत्तराखंड की यात्रा पर जाने के दौरान कहा था कि गुजरात सरकार केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लेगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केदारनाथ एक धार्मिक स्थल है और यह एक भावनात्मक मुद्दा है. हमें यह देखना होगा कि मंदिर को कितनी क्षति हुई है. एएसआई यह काम करेगा.’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा संत और हिंदू नेता इस बात को लेकर दबाव बना रहे हैं कि मंदिर में पूजा शुरू कर देनी चाहिए. हम यह कितना जल्दी कर सकते हैं, इस बात की जानकारी नहीं है क्योंकि कम से कम एक साल तक केदारनाथ तक पैदल नहीं पहुंचा जा सकता.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पूजा शुरू हो जाने के बाद वहां पूजा कौन करेगा, इस बात का निर्णय मंदिर समिति और शंकराचार्य लेंगे. राज्य सरकार इसमें केवल मदद करेगी. मैं इसकी समय सीमा तय नहीं कर सकता या इस पर निर्णय नहीं ले सकता.’ उन्होंने कहा कि वह सभी स्थानों और संस्थाओं से मिल रहे दान और राहत सामग्री के लिए शुक्रगुजार हैं.
बहुगुणा ने कहा, ‘हमारे विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य बुनियादी ढांचों को हुए नुकसान की भरपाई करना और उत्तराखंड के लोगों को बेहतर जीवन मुहैया कराना है.’