कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है. भारत में भी कोरोना से निपटने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार लॉकडाउन के अलावा लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने आयुष क्वाथ के नाम से गोली या चूर्ण में मिश्रण उपलब्ध कराने का फैसला किया है.
तुलसी, सुन्थी, दालचीनी और काली मिर्च का मिश्रण ज्यादा से ज्यादा बनाने के लिए मंत्रालय ने आयुष उत्पाद निर्माता कंपनियों, राज्य व केंद्र शासित राज्यों को निर्देश देते हुए अपने अपने राज्यों में इसका निर्माण शुरू करने के लिए कहा है.आयुष मंत्रालय के अनुसार, दवा कंपनियों ने तीन तरह के फार्मूले सुझाए हैं. इनमें आयुर्वेद के लिए आयुष क्वाथ, सिद्ध के लिए आयुष कुडीनीर तथा यूनानी के लिए आयुष जोशांदा के निर्माण का सुझाव दिया है. यह पाउडर और टैबलेट दोनों रुपों में होगा.
इसके लिए औषधि व प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने की बात कही है. सरकार के इस फैसले के बाद एमिल फार्मास्युटिकल ने आयुष क्वाथ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी के एमडी केके शर्मा का इस बारे में कहना है कि कोरोना महामारी में पारंपरिक चिकित्सा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. मंत्रालय से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आयुष क्वाथ को बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में आयुष चिकित्सा की अहम भूमिका पर चर्चा की थी. उन्होंने बीते 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए यह बताया था कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए कोरोना की इस लड़ाई को जीतने पर जोर दिया था. साथ ही उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए नुस्खों के बारे में भी बताया था.