अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर तीन दिन में लिखित हलफनामा मांगा है. कोर्ट में मामले के सभी पक्षों की दलील पूरी हो गई. सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू पक्षों के हर दलील का जवाब दिया.
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के आखिरी दिन दोनों पर पक्षकारों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया. मामले की दलील के दौरान कोर्टरूम मे गरमागरमी भी देखने को मिली. इस दौरान हिंदू महासभा के वकील ने एक नया नक्शा कोर्ट में पेश किया, जिसे देखकर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन इतने नाराज हुए कि नक्शा के पांच टुकड़े कर दिए. इस रैवेये पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी बेहद नाराजगी जताई.
बुधवार की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई ही नहीं गई थी. मंदिर के होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. साल 1886 में फैजाबाद कोर्ट भी कह चुका है कि विवादित जमीन पर मंदिर के कोई सबूत नहीं मिले. धवन ने बाबरी मस्जिद के पक्ष में बाबर के वो दस्तावेज का भी हवाला दिया, जिसमें मस्जिद निर्माण के लिए लगान माफ किया गया था.
मुगलों को आक्रमणकारी बताने पर धवन ने कहा कि चंगेज खां, तैमूर अंग्रेजों के साथ-साथ आर्यों तक जाना होगा. धवन ने हिंदू-मुस्लिम शासकों में फर्क करने पर भी आपत्ति जताई. इससे पहले आखिरी सुनवाई में हिंदू पक्षों ने अपनी दलील पेश की. रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई गई. पूरे परिसर पर उनका मालिकाना हक बनता है.