कैश ले जाने वाले वैन पर होने वाले हमलों को देखते हुए सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शहरों में रात आठ बजे के बाद एटीएम में नकदी न डाली जाए और प्राइवेट कैश ट्रांसपोर्टेशन एजेंसियां लंच से पहले ही बैंकों से धन ले लें.
पांच करोड़ से ज्यादा कैश न ले जाएं वैन
ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम में नकदी डालने के लिए शाम पांच बजे और नक्सल प्रभावित जिलों में दोपहर तीन बजे तक का समय तय किया गया है. साथ ही सीसीटीवी और जीपीएस लगे हुए विशेष रूप से डिजाइन किए गए नकदी वैन होने चाहिए और उनमें पांच करोड़ से ज्यादा नकदी नहीं ले जाई जानी चाहिए.
हर वाहन में रहें दो प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी
हर वाहन में एक ड्राइवर और दो प्रशिक्षित हथियारबंद सुरक्षाकर्मी होने चाहिए, जो हमला होने की स्थिति में ‘वाहन को सुरक्षित बचाकर बाहर निकाल सकें.’ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नकदी लाने-ले जाने और एटीएम में नकदी डालने जैसे काम करने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए प्रस्तावित नए एसओपीएस में यह बातें कही हैं.
रोजाना 15 हजार करोड़ रुपये पहुंचाने का काम
देश भर में रोजाना करीब 8,000 निजी वैनें बैंकों, तिजोरियों और एटीएम तक 15,000 करोड़ रुपये पहुंचाने का काम करती हैं. इसके अलावा निजी सुरक्षा एजेंसियां बैंकों की ओर से अपनी निजी तिजोरियों में रात भर के लिए 5,000 करोड़ रुपए नकदी रखती हैं. नकदी वैनों पर होने वाले हमलों, उनकी लूट आदि को देखते हुए यह एसओपीएस तैयार किए गए हैं.
कैश ट्रांसपोर्टेशन एजेंसियां बैंकों से सुबह ही निकालें पैसे
सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि एटीएम में नकदी डालने के लिए कैश ट्रांसपोर्टेशन एजेंसियां बैंकों से सुबह ही पैसे निकाल लें. देश के शहरी क्षेत्रों में रात आठ बजे के बाद कहीं भी एटीएम में नकदी नहीं डाली जानी चाहिए. नये एसओपीएस में प्रस्ताव किया गया है कि हर फेरी के लिए नकदी वैन में पांच करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी नहीं होनी चाहिए.
विशेष रूप से डिजाइन की गई वैनों का इस्तेमाल
पांच करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी लाने ले जाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई वैनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. नकदी परिवहन और एटीएम में नकदी डालने का सारा काम सिर्फ ऐसे कर्मचारियों द्वारा कराया जाए, जिनकी पृष्ठभूमि की ठीक से जांच की गई हो.