गृह मंत्रालय ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) लिस्ट जारी कर दी है. इसका कांग्रेस शुरू से विरोध करती रही है, लेकिन अब एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद असम बीजेपी के नेता ही इस पर सवाल उठा रहे हैं.
असम बीजेपी के सचिव और प्रवक्ता मोमिनुल ओवल ने कहा कि एनआरसी लिस्ट में 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है, जबकि असल में वो सभी असम के नागरिक हैं. असम के लोग इससे खुश नहीं है, लेकिन जिनके नाम यहां नहीं होने चाहिए थे, उनके नाम इस एनआरसी लिस्ट में शामिल हैं. वहीं जिनके नाम इसमें शामिल होने चाहिए, उनके नाम शामिल नहीं हैं.
इसके अलावा असम के वित्तमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि वो एनआरसी को लेकर सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं, क्योंकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार विदेशियों को सूबे से बाहर करने के नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. शर्मा ने कहा, 'मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैं. मैं बस चाहता हूं कि किसी बुरी घटना के बिना समय शांति से गुजर जाए.'
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और असम सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. मुझे नहीं लगता कि यह अंतिम सूची है. अभी और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है.
आपको बता दें कि शनिवार को अंतिम एनआरसी लिस्ट जारी कर दी गई है. एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों का एनआरसी की फाइनल लिस्ट में शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों को बाहर किया गया है. जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वो फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं.