मोदी सरकार की कश्मीर नीति का विरोध करने वालीं ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम को नई दिल्ली एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया गया. सोमवार जब ब्रिटिश सांसद दिल्ली पहुंची तो उनका वीज़ा रद्द किया गया और वहां से ही लौटाया गया. इस मसले पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लेकिन कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है. कांग्रेस नेता का कहना है कि ऐसा फैसला लेना जरूरी था.
मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर लिखा, ‘डेबी अब्राहम को भारत के द्वारा वापस भेजना काफी जरूरी था. वह सिर्फ एक ब्रिटिश सांसद नहीं थीं, बल्कि वो एक पाकिस्तानी प्रतिनिधि थीं जो वहां की सरकार, आईएसआई के लिए काम करती रही हैं. भारत की संप्रभुता को अलग करने के लिए जो भी प्रयास किए जाएंगे उन्हें नाकाम करना जरूरी है.’
The deportation of Debbie Abrahams by India was indeed necessary, as she is not just an MP, but a Pak proxy known for her clasp with e Pak govt and ISI. Every attempt that tries to attack India's sovereignty must be thwarted.#Kashmir#DebbieAbrahams
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) February 18, 2020
गौरतलब है कि सोमवार को एक ट्वीट में डेबी अब्राहम ने भारत सरकार पर इस प्रकार का आरोप लगाया था. उनका दावा था कि उनके पास अक्टूबर 2020 तक का वीज़ा है, लेकिन उनकी राजनीतिक टिप्पणियों की वजह से उनकी एंट्री पर रोक लगा दी गई.
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हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने दावा किया था कि ब्रिटिश सांसद का वीज़ा पहले ही रद्द किया गया था और उन्हें इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद वह आईं, यानी उनके पास कोई वीज़ा नहीं था.
बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी से इतर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस फैसले की आलोचना की थी. शशि थरूर ने ट्वीट में लिखा था कि अगर जम्मू-कश्मीर में सबकुछ ठीक है, क्या सरकार को अपने क्रिटिक्स को मौजूदा हालात नहीं दिखाने चाहिए.
डेबी अब्राहम से पहले कई ब्रिटिश सांसद जम्मू-कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. दो बार यूरोपियन यूनियन के ग्रुप जम्मू-कश्मीर का दौरा कर चुके हैं, जिन्होंने भारत सरकार के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी.