राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना रुख लगभग साफ कर दिया है. आप मीरा कुमार के नाम का समर्थन कर सकती है. पार्टी के मुख्य सुत्रों का कहना है कि वे मीरा कुमार को वोट कर सकते हैं. इस मसले पर आधिकारीक तौर पर आखिरी फैसला आम आदमी पार्टी के पीएसी करेगी. उनका कहना है कि बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मीरा कुमार ने अरविंद केजरीवाल से बात की थी. इसके बाद मीरा कुमार के नाम को लेकर पार्टी में सहमती बनती दिख रही है.
आप के समर्थन से राष्ट्रपति चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला
आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 65 विधायक हैं. वहीं पंजाब विधानसभा की बात की जाए, तो आप के पास कुल 22 विधायक हैं. यानी आम आदमी पार्टी में कुल विधायकों की संख्या 87 हैं. लोकसभा में आम आदमी पार्टी के चार सांसद हैं. पार्टी के विधायकों और सांसदों के वोट का मूल्य 9,038 है. यह इलेक्टोरल कॉलेज के कुल वोट का 0.82 फीसदी है. मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी के साथ होने या ना होने से चुनाव में ना के बराबर फर्क पड़ेगा. इसी कारण से कोई भी पार्टी ने आम आदमी से विचार विमर्श नहीं की थी.
विपक्ष के 17 दल हैं साथ, आप से नहीं लिया गया राय
इससे पहले मीरा कुमार ने 17 दलों के नेताओं के बीच, विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का नामांकन दाखिल किया था. इसमें आम आदमी पार्टी को न्योता नहीं दिया गया था. मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीताराम येचुरी, शरद पवार जैसे विपक्ष के कई नेताओं की मौजूदगी में नामांकन भरा था. मीरा कुमार ने कहा था कि मैंने सभी निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिख मेरा समर्थन करने की अपील की है, उनके सामने इतिहास रचने का अवसर है. मीरा कुमार ने कहा कि विपक्ष की पार्टियों ने सर्वसम्मति से मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया. विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर आधारित है. मीरा कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, पारदर्शिता, प्रेस की आजादी और गरीब का कल्याण हमारी विचारधारा के अंग हैं, इनमें मेरी गहरी आस्था है.
राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा से पहले एनडीए की 3 सदस्यों की कमिटी ने तमाम राजनीतिक दलों से मुलाकात की, लेकिन आम आदमी पार्टी से बातचीत नहीं की. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद हैं. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने तो यहां तक कहा था कि बीजेपी के लोग आम आदमी पार्टी को कोई दल ही नहीं मानते हैं.