आधार कार्ड की अनिवार्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले की सुनवाई 38 दिनों तक चली. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट में चली दूसरी सबसे लंबी सुनवाई है. पहला मामला जिसमें सबसे ज्यादा दिनों तक सुनवाई चली वो केशवानंद भारती मामला था, जिसमें 68 दिन तक सुनवाई हुई थी.
आधार से निजता का उल्लंघन होता है या नहीं इस मामले पर पांच जजों की पीठ को फैसला देना है. आधार की अनिवार्यता के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है. संविधान पीठ ने सभी पक्षों पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब पांच जजों का संविधान पीठ तय करेगा कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की.
आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है. इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल हैं.
इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बड़ा बयान दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि प्राइवेसी अधिकार है, प्राइवेसी जरूरी भी है. लेकिन प्राइवेसी भ्रष्टाचारियों और आतंकियों की ढाल नहीं बन सकती है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद और सांप्रदायिकता के मुद्दों पर वैश्विक सर्वसम्मति होनी जरूरी है.
Privacy is important. Supreme Court has called privacy as a fundamental right. But privacy cannot become a shield for the corrupt and terrorists. Global consensus needs to be developed on issues of terrorism, hate, communal extremism. #AsiaMediaSummit pic.twitter.com/Cy3G50Oz2T
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 10, 2018
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल हैं. जिन पर सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच सुनवाई कर रही है. मोबाइल और बैंक खातों के अलावा पासपोर्ट को आधार से लिंक करने की डेडलाइन भी बढ़ा दी गई है.
अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जबतक मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता है, तो आधार लिंक करने का ऑप्शन खुला रहना चाहिए. इसके अलावा सख्त रुख्त अपनाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार आधार को अनिवार्य करने के लिए लोगों पर दबाव नहीं बना सकती है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने मोबाइल नंबर से आधार कार्ड लिंक करने के मामले में नया आदेश जारी किया था. इसके मुताबिक अब आपको नया सिम कार्ड लेने के लिए सिर्फ आधार देने की अनिवार्यता नहीं रहेगी. इसका मतलब यह है कि अब आप आधार के अलावा अन्य दस्तावेज देकर भी नया सिम कार्ड ले सकते हैं.