भोपाल गैस कांड की 27 वीं बरसी यहां गैस पीडितों के रेल रोको अभियान के चलते हिंसा की भेंट चढ गयी. गैस पीडितों संगठनों ने गैस कांड की सत्ताइसवीं बरसी पर रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी तथा इसके चलते सुबह से ही बडी संख्या में गैस पीडित राजधानी भोपाल के अलग अलग स्थानों ऐशबाग, बरखेडी, छोला फाटक तथा निशातपुरा पर एकत्र हो गये तथा वहां उन्होंने विभिन्न रेलों को रोककर चक्काजाम कर दिया, जिससे रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ.
पुलिस ने रेल रोक रहे गैस पीडितों को तितर बितर करने के लिये आंसू गैस छोडी और लाठीचार्ज किया लेकिन आंदोलनकारियों द्वारा पथराव किये जाने पर पुलिस को पीछे हटना पडा. आंदोलनकारी इस बीच उग्र हो गये और उन्होने पथराव के साथ ही चार पुलिस की गाडियों सहित लगभग एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस ने बाद में हवाई फायर करने के साथ ही लाठी चार्ज कर गैस पडितों को पटरी से हटाया, लेकिन इस दौरान पथराव और लाठीचार्ज में लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये. घायल होने वालों में भोपाल कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव तथा एसएसपी योगेश चौधरी भी शामिल हैं. ऐशबाग क्षेत्र में कुछ घंटों के लिये धारा 144 भी लगा दी गयी है.
गैस पीडितों ने अपने आंदेलन के दौरान मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा और उन पर पथराव करने के साथ ही एक निजी चैनल की ओवी वैन तथा उनकी गाडियों में तोडफोड कर दी. इस घटना में कुछ कैमरामैन और पत्रकारों को भी चोंटे आयीं. गैस पडितों के रेल रोको आंदोलन के चलते भोपाल रेल मंडल पर यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा तथा दोपहर बाद तक किसी भी और गाडियों का संचालन नहीं हो सका. इस आंदोलन के चलते दिल्ली-झांसी की और से आने वाली गाडियों को बीना विदिशा, गंजबासौदा एवं सांची स्टेशनों पर रोक दिया गया, जबकि दक्षिण की ओर से आने वाली गाडियों को होशंगाबाद, ओबेदुल्लागंज, इटारसी, मंडीद्वीप आदि स्टेशनों पर रोक दिया गया, जबकि अनेक गाडियों के मार्ग परिवर्तन कर उन्हें निकाला गया.
गैस पीडितों के विभिन्न संगठनों ने बाद में अलग अलग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी भेंट की और अपनी मांगों से अवगत कराया. चौहान ने कहा कि गैस पीडितों से संबंधित लंबित न्यायालयीन प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण हो सके, इसके लिये विशेष न्यायालय के गठन पर भी विचार किया जायेगा. दूसरी तरफ विभिन्न राजनीतिक दलों एवं गैस पीडित संगठनों ने पुलिस द्वारा किये गये लाटी चार्ज की निंदा करते हुए इसकी जांच कराये जाने की मांग की है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने इस घटना के लिये पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि गैस पीडितों ने पूर्व से ही रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी थी लेकिन प्रशासन और पुलिस यदि पहले से ही पर्याप्त इंतजाम किये गये होते तो स्थिति बिगडती नहीं. मार्क्सवादी के जिला सचिव पूषण भट्टाचार्य ने पुलिस लाठीचार्ज की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि डाउ केमिकल से चंदा लेने वाली भाजपा अब गैस पीडितों के सिर फोडकर अपने कर्ज अदा कर रही है.
भोपाल गैस पीडित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजिका साधना कार्णिक ने लाठीचार्ज और गैस पीडितों के दमन को निंदनीय बताते हुए कहा कि गैस पीडितों की मांगों के हल के बजाय गैस पीडितों का दमन कर सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह डाउ केमिकल के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि गैस पीडितों द्वारा सरकार के खिलाफ संघर्ष ओर तेज किया जायेगा.
भोपाल गैस पीडित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने आंदोलन के दौरान हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इसकी परिणति इसलिये हुई क्योंकि सत्ताइस सालों तक गैस पीडितों की उपेक्षा की गयी.