उत्तर प्रदेश का चुनावी घमासान अब चौथे दौर में पहुंचने को है. चौथे चरण का मतदान रविवार को होने जा रहा है, जिसमें कुल मिलाकर सामान्य से ज्यादा वोटिंग की उम्मीद की जा रही है.
इस चरण में सबकी नजर मुख्य विधानसभा सीट लखनऊ पर रहेगी, क्योंकि यह दूसरा मौका होगा जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे अपने कद्दावर नेता की अनुपस्थिति में अपनी सीट बरकरार रखने की कोशिश में है.
वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में लखनऊ शहरी क्षेत्र के सांसद रहे करिश्माई नेता वाजपेयी ने शहर की सभी चार सीटों पर भाजपा को कामयाबी दिलाई थी, जबकि चार ग्रामीण सीटें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) में बंट गई थी.
रविवार को लगभग 1.73 करोड़ मतदाता राजधानी लखनऊ सहित 11 जिलों की 56 सीटों पर कुल 1044 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे. ये जिले हैं हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, फरु खाबाद, कन्नौज, बांदा, चित्रकूट, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, फतेहपुर और प्रतापगढ़.
इस चरण में जिन प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया (संसदीय क्षेत्र रायबरेली), पार्टी महासचिव राहुल गांधी (संसदीय क्षेत्र अमेठी) और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव (संसदीय क्षेत्र कन्नौज) शामिल हैं.
यह चरण सत्तारूढ़ बसपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पार्टी ने 2007 के चुनाव में 56 में से 25 सीटें जीती थीं. इस बार भी ये सीटें बरकरार रखने के लिए पार्टी प्रमुख मायावती सहित अन्य बसपा नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट पर भी मुकाबला काफी दिलचस्प है. यहां बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य चुनाव मैदान में हैं.
चौथे चरण में चार मंत्रियों सहित तमाम दिग्गज नेता मैदान में हैं. मंत्रियों में नकुल दूबे, अब्दुल मन्नान, रामपाल वर्मा और अयोध्या प्रसाद शामिल हैं तो दिग्गज नेताओं में कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि चौथे चरण के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम को समाप्त हो गया. प्रचार के अंतिम दिन कानपुर में जहां पहली बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनावी रैली को सम्बोधित किया, वहीं दूसरी ओर कानपुर में ही मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला.