भारतीय टीम जापान के खिलाफ एलीट डेविस कप विश्व ग्रुप में दोबारा प्रवेश पाने की कोशिश करेगी जिसमें शीर्ष युगल खिलाड़ी लिएंडर पेस की अनुपस्थिति में सोमदेव देववर्मन के कंधों पर शुक्रवार से शुरू होने वाले मुकाबले में बड़ी जिम्मेदारी होगी.
भारत को पहले राउंड में शीर्ष वरीय सर्बिया से 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था जिससे उसे दोबारा प्ले आफ खेलना पड़ रहा है जबकि जापान ने उज्बेकिस्तान पर 4-1 की शानदार जीत दर्ज कर खुद को 1985 के बाद पहली बार 16 देशों के विश्व ग्रुप में पहुंचने का मौका मुहैया कराया. पीठ में दर्द के कारण पेस टोक्यो रवाना नहीं हो पाये और उनकी अनुपस्थिति में मुकाबले के दूसरे दिन होने वाला युगल मैच अब काफी मुश्किल हो जायेगा.
भारत ने हैरत भरा फैसला करते हुए रोहन बोपन्ना के बजाय घरेलू जोड़ी केई निशिकोरी और गो सोएडा के खिलाफ इस युगल मैच के लिये सोमदेव को महेश भूपति के साथ उतारा है. इसका मतलब है कि 64वीं रैंकिंग के सोमदेव को तीनों दिन खेलना होगा. सोमदेव पहले दिन शुरूआती एकल में 174वीं रैंकिंग पर काबिज युईची सुगिता से भिड़ेंगे और फिर रविवार को उनका सामना उलट एकल में निशिकोरी से होगा.
भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान एस पी मिश्रा चाहते हैं कि बोपन्ना सिर्फ एकल पर अपना ध्यान लगायें जिन्होंने डेविस कप के एकल में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया है. उन्हें दुनिया के 55वें नंबर के निशिकोरी से कड़ी चुनौती का सामना करना होगा.
सोमदेव सुगिता के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेंगे और अगर बोपन्ना जापान के निशिकोरी को हरा देते हैं तो भारत की डगर आसान हो जायेगी. निशिकोरी अभी कूल्हे और पीठ की चोट से उबरे हैं जो उन्हें अमेरिकी ओपन के दौरान लगी थी जिससे बोपन्ना इसका फायदा उठा सकते हैं. मिश्रा ने कहा, ‘निशिकोरी शीर्ष स्तर के खिलाड़ी हैं. हम देखते हैं कि वह कितना फिट होगा.’
विम्बलडन में युगल स्पर्धा में निशिकोरी के साथ जोड़ी बना चुके सोमदेव भी इस मुकाबले से पहले काफी आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा, ‘केई मेरा अच्छा दोस्त है. हम विम्बलडन में युगल में एक साथ खेले थे. वह काफी बढ़िया खिलाड़ी है.’ भारत का जापान के खिलाफ अभी तक 21 मुकाबलों में जीत हार का रिकार्ड 18-3 रहा है लेकिन जापान के कप्तान इजि ताकेयुची घरेलू सरजमीं का फायदा उठाना चाहते हैं. पिछली बार दोनों देश 2008 में एक दूसरे से भिड़े थे जिसमें भारत ने 3-2 से जीत दर्ज की थी.