कैश फॉर वोट मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सुहैल हिदुस्तानी ने पूछताछ में क्राइम ब्रांच के सामने ढेरों खुलासे किए हैं. सुहैल हिंदुस्तानी ने आरोप लगाए हैं कि कैश फॉर वोट के पीछे अमर सिंह, रेवती रमन सिंह और अहमद पटेल ने अहम भूमिका निभाई.
गौरतलब है कि जुलाई 2008 में बीजेपी सांसदों ने संसद में नोटों की गड्डिय़ां दिखाई थी और आरोप लगाए थे कि उन्हें वोट के बदले रिश्वत दी गई. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने संजीव सक्सेना नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जो अमर सिंह का करीबी बताया जाता है. आरोप है कि बीजेपी सांसदों को पैसे संजीव सक्सेना ने ही पहुंचाए थे.
हिंदुस्तानी ने आरोप लगाया कि पूर्व सपा सांसद सिंह ही सांसदों को खरीदने के इस अभियान के पीछे थे.
हिंदुस्तानी कुछ समर्थकों के साथ बुधवार की सुबह चाणक्यपुरी स्थित अपराध शाखा के कार्यालय पहुंचा. वह अपने साथ एक बुके भी लाया था. उसने दावा किया कि यह बुके उससे पूछताछ करने वाले पुलिस के एक आला अधिकारी के लिए है. उसने कहा कि जांच में आगे बढ़ने पर वह पुलिस बल का आभार प्रकट करने के लिए यह बुके लाया है.
पुलिस परिसर में घुसने के पहले उसने संवाददाताओं से कहा कि वह पुलिस को वही बताएगा, जो उसने इस मामले की जांच कर रही संसदीय समिति को बताया है.
एक समय में भारतीय जनता युवा मोर्चा का कार्यकर्ता रहने का दावा करने वाले हिंदुस्तानी ने आरोप लगाया कि इस अभियान को सिंह और कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अंजाम दिया था. उसने कहा कि पुलिस को उसके कॉल रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए क्योंकि उनसे इस बात पर रोशनी डलेगी कि किन-किन लोगों ने उसे 2008 की नौ जुलाई से लेकर 22 जुलाई के बीच फोन किए.
उसने आरोप लगाया कि सिंह और कांग्रेस के कई नेता लगातार उसके संपर्क में थे.
जुलाई 2008 में हुए कैश फॉर वोट का मामला गरमाता जा रहा है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में अमर सिंह, रेवती रमन सिंह और अशोक अर्गल से दिल्ली पुलिस पूछताछ करेगी. इसके लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गृह मंत्री से मुलाकात कर इजाजत मांगी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन से अशोक अर्गल और अमर सिंह से पूछताछ की इजाजत मांगी है. अशोक अर्गल लोकसभा के सदस्य हैं और अमर सिंह राज्यसभा के सदस्य.