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खुली भारत-नेपाल सीमा चिंता का सबब: अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा पर कडी निगरानी के कारण राष्ट्र विरोधी तत्वों के लिए खुली भारत-नेपाल सीमा प्रवेश का संभावित रास्ता बनकर उभर रहा है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी के कारण राष्ट्र विरोधी तत्वों के लिए खुली भारत-नेपाल सीमा प्रवेश का संभावित रास्ता बनकर उभर रहा है.

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के अपने पहले सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से सटी नेपाल की 550 किलोमीटर लंबी सीमा पर निगरानी की विशेष व्यवस्था की आवश्यकता है ताकि किसी भी संभावित राष्ट्रविरोधी गतिविधि को रोका जा सके.

उन्होंने कहा, ‘मैं पर्याप्त संख्या में एकीकृत चेकपोस्ट बनाने और विशेष पुलिस व्यवस्था करने की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा ताकि राष्ट्रविरोधी किसी संभावित गतिविधि को रोका जा सके.’

अखिलेश ने पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्य को आवंटित धनराशि 100 करोड़ रुपये से बढाकर 800 करोड़ रुपये करने की मांग की.

अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य के बड़े आकार को देखते हुए पुलिस आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में केन्द्र का मौजूदा योगदान काफी कम है और इसे राज्य पुलिस के बजट (8000 करोड़ रुपये) का कम से कम दस प्रतिशत होना चाहिए. युवा मुख्यमंत्री ने खुफिया सूचनाओं के संकलन के लिए उन्नत प्रणाली और उपकरण हासिल करने में केन्द्र की मदद मांगी.

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उन्होंने 2013 में होने जा रहे कुंभ मेले का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया भर के करोडों तीर्थयात्री इस मेले में शामिल होंगे. उन्होंने खुफिया खबरों, सुरक्षा जवानों और उपकरणों की उपलब्धता के लिहाज से केन्द्र की मदद मांगी ताकि कुंभ मेले का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सके.

अखिलेश ने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर को ‘मेगा सिटी पोलिसिंग परियोजना’ में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि दोनों ही जिलों की पुलिस को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण मुहैया कराये जाने चाहिए.

उन्होंने राज्य पुलिस की क्षमता में सुधार और आबादी के हिसाब से पुलिस की उपलब्धता का अनुपात राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए 5000 करोड़ रुपये की केन्द्रीय मदद मांगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को दंगे जैसी स्थिति का सामना करने के लिए उन्नत उपकरणों एवं प्रणालियों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि केन्द्र को 750 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है और इस रकम से राज्य की फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण करने का इरादा है.

नकली नोट की बढती समस्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने ऐसे नोटों की पहचान के लिए लखनऊ या कानपुर में विशेष प्रयोगशाला बनाने की मांग की.

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