scorecardresearch
 

शक्ति, विनम्रता और मालिया की स्कर्ट के लिए प्रार्थना करते हैं ओबामा

बराक ओबामा दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन किसी भी अन्य पिता की तरह वे भी अपनी बढ़ती बिटिया की स्कर्ट की लंबाई को लेकर चिंतित होते हैं और अक्सर ईश्वर से अपने बच्चों की भलाई की प्रार्थना करते हैं.

Advertisement
X
बराक ओबामा का परिवार
बराक ओबामा का परिवार

बराक ओबामा दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन किसी भी अन्य पिता की तरह वे भी अपनी बढ़ती बिटिया की स्कर्ट की लंबाई को लेकर चिंतित होते हैं और अक्सर ईश्वर से अपने बच्चों की भलाई की प्रार्थना करते हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय प्रार्थना के मौके पर विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी हालांकि उन्होंने टस्कन की गोलीबारी की घटना और मिस्र में हो रहे हिंसक संघर्ष जैसे अधिक गंभीर मुद्दों का जिक्र किया.

लेकिन बाद में उन्होंने अपने व्यक्तित्व के एक और पहलू का प्रदर्शन करते हुए पिता के रूप में अपनी भूमिका को लेकर चिंता जतायी और खुद और अपनी पत्नी का मजाक भी बनाया. जुलाई माह में 12 साल की होने जा रही अपनी बिटिया के बारे में उन्होंने सबसे पहले जिक्र छेड़ा.

उन्होंने कहा, ‘जब मैं देश के तमाम हिस्सों में जाता हूं लोग मुझसे सवाल करते हैं कि मैं किस संबंध में प्रार्थना करता हूं और आपमें से अधिकांश के समान मेरी प्रार्थनाएं अत्यंत सामान्य होती है, ‘हे ईश्वर, मुझे शक्ति दो ताकि मैं अपने पद की चुनौतियों का भार उठा सकूं.’

Advertisement

ओबामा ने वाशिंगटन हिल्टन होटल में अतिथियों के ठहाकों के बीच कहा, ‘कभी कभी मेरी प्रार्थनाएं एकदम स्पष्ट होती हैं, ‘हे ईश्वर, मुझे इतना धैर्य दो कि मैं अपनी बेटी को उसके पहले नृत्य के लिए जाते देख सकूं (हंसी), वहां जहां लड़के भी होंगे. हे ईश्वर, जब वो उस नृत्य के लिए जाए तो उसकी स्कर्ट लंबी हो.’

उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले दो सालों के दौरान उनके विश्वास में बढ़ोतरी ही हुई है और राष्ट्रपतित्व किसी व्यक्ति को प्रार्थना करने की जरूरत पैदा करने का एक मजेदार अहसास कराता है.

उन्होंने कहा, ‘अब्राहम लिंकन ने कहा था, जैसा कि आपमें से अनेक लोग जानते होंगे, कि मुझे कई बार अपने घुटनों पर झुकना पड़ा है क्योंकि मेरे पास कहीं जाने के लिए दूसरी जगह नहीं थी.’ ओबामा ने कहा, ‘ईसाई धर्म में मेरे विश्वास ने पिछले कुछ सालों में मुझे हर जगह शक्ति दी है और अक्सर जब समय समय पर मिशेल और मुझसे हमारे विश्वास को लेकर सवाल किये जाते हैं, हमारा इसी बात से फिर सामना होता है कि आखिरकार फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि लोग हमारे बारे में क्या कहते हैं बल्कि इस बात से फर्क पड़ता है कि हम अपनी अंतरात्मा और अपने ईश्वर के प्रति सच्चे हैं.’

Advertisement
Advertisement