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झारखंड की अर्जुन मुंडा सरकार में नौ नये मंत्री शामिल

झारखंड की लगभग एक माह पुरानी अर्जुन मुंडा सरकार में शुक्रवार को नौ नये मंत्रियों को शमिल कर इसकी मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया गया.

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Arjun Munda
Arjun Munda

झारखंड की लगभग एक माह पुरानी अर्जुन मुंडा सरकार में शुक्रवार को नौ नये मंत्रियों को शमिल कर इसकी मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया गया.

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार झारखंड की अर्जुन मुंडा गठबंधन सरकार में नौ नये मंत्रियों को शपथ दिलायी गयी जिसमें भाजपा के तीन झामुमों के चार और आजसू एंव जद यू के एक एक नये लोगों को जगह दी गयी.

राजभवन में महालयारंभ के शुभ अवसर पर राज्यपाल एम ओ एच फारूक ने भाजपा के बैजनाथ राम, विमला प्रधान एंव सत्यानंद झा बाटुल, झामुमों के हेमलाल मुर्मू, हाजी हुसैन अंसारी, मथुरा प्रसाद महतो एवं चपंई सोरेन, जद यू के राजा पीटर तथा आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी को मंत्री पद की शपथ दिलायी. नये मंत्रियों को मिलाकर अब राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत कुल 12 सदस्य हो गये हैं.

81 सदस्यीय विधानसभा वाले झारखंड राज्य में संविधान के अनुसार बारह सदस्यीय मंत्रिपरिषद होना चाहिए. मुख्यमंत्री भाजपा के अर्जुन मुंडा ने पिछले माह की नौ तारीख को राज्य में सरकार बनाने का दावा करने के बाद आजसू के सुदेश महतो एंव झामुमो के हेमंत सोरेन के साथ 11 सितम्बर को ही शपथ ग्रहण कर ली थी. लेकिन तमाम खींचतान के चलते मंत्रिपरिषद का अब तक विस्तार नही किया जा सका था. {mospagebreak}

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इस मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद अब 12 सदस्यीय राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री को मिलाकर भाजपा के कुल चार झाममों के पांच आजसू के दो और जद यू से एक मंत्री हो गये है. इससे पूर्व राज्य में मंत्रिपरिषद विस्तार में जगह बनाने के लिए गुरुवार रात तक विभिन्न गठबंधन सदस्यों और विभिन्न दलों के विधायकों में रस्साकशी चली जिसके चलते मुख्यमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद के विस्तार का औपचारिक प्रस्ताव एंव नये मंत्रियों की सूची रात नौ बजे ही राज्यपाल को प्रेषित कर सके.

इससे पूर्व मुंख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने बड़े गोपनीय ढंग से बंद लिफाफे में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने वाले नौ अन्य मंत्रियों की सूची गुरुवार रात्रि नौ बजे राज्यपाल एम ओ एच फारूक को भेजी. इससे पहले मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप देने से पहले बुधवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत करने के लिए नई दिल्ली गये थे और वहां भाजपा नेतृत्व से बातचीत के बाद गुरुवार को वह वापस लौट आये. {mospagebreak}

रांची पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी के नेतआं और सहयोगी दलों के साथ विस्तृत विचार विमर्श के बाद नौ नये मंत्रियों की सूची तैयार की जिसे रात्रि में राजभवन प्रेषित किया गया. ज्ञातव्य है कि राज्यपाल एम ओ एच फारूक ने पहली अक्तूबर को मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिख कर हर हाल में आठ अक्तूबर तक अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने को कहा था.

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राज्यपाल ने अपने पत्र में संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) का हवाला भी दिया है जिसके अनुसार मंत्रिमंडल का आकार किसी भी राज्य में 12 से कम नहीं होना चाहिए. अर्जुन मुंडा ने अपने दो गठबंधन सहयोगियों झामुमो और आजसू के दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ 11 सितंबर को शपथ ग्रहण किया था लेकिन तब से मंत्री पदों पर खींचतान के चलते राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जा सका.

नयी सरकार ने 14 सितंबर को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में अपना बहुमत भी साबित कर दिया था. राज्य में मंत्री पद के लिए मचे घमासान के बीच कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा तथा अनेक अन्य दलों एंव संगठनों ने नयी सरकार में मंत्रिपरिषद के विस्तार में अत्यधिक विलंब को मोहरा बनाकर नयी सरकार को बर्खास्‍त करने तक की मांग की थी.

राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को स्पष्ट रूप से लिखा था कि यदि आठ अक्तूबर को संविधान के प्रावधानों के तहत राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार नही किया जाता है तो वह इस संबंध में रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेज देंगे. राज्यपाल ने आदिवासी कल्याण मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास होने पर भी आपत्ति जतायी थी और इसे संविधान के प्रावधान अनुच्छेद 164 (1) का उल्लंघन बताया है. {mospagebreak}

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मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में पूछे जाने पर स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में 28 सितम्बर को ही लिख दिया था और उनसे आठ अक्तूबर का समय भी मांगा था. ऐसे में राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई शक सुबहा किसी को नही रहना चाहिए था. मुख्यमंत्री सचिवालय ने बताया कि इससे पूर्व भी मंत्रिमंडल विस्तार का कार्य किया जा सकता था लेकिन पितृ पक्ष इस कार्य के लिए शुभ न होने से ही मंत्रिमंडल विस्तार का काम आठ तारीख के लिए टाला गया जब महालयारंभ हो रहा है.

शुक्रवार को मंत्रिपरिषद के विस्तार कार्यक्रम के दौरान राजभवन में कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक एंव भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य अनेक लोग अनुपस्थित थे जबकि अन्य सभी दलों के शीर्ष प्रतिनिधि एंव सरकार के आला अधिकारी उपस्थित थे. शपथ ग्रहण के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन उर्फ गुरु जी भी उपस्थित थे और उन्होंने नयी सरकार के मंत्रियों को अपना आशीर्वाद दिया.

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