बारिश ने उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में गर्मी का कहर कम किया जबकि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के चलते राजमार्गों और संपर्कमार्गों पर यातायात बाधित हुआ.
बहरहाल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों को इससे कोई राहत नहीं मिली. यहां मौसम का मिजाज और भी बिगड़ा और तापमान बुधवार के अधिकतम 33.8 डिग्री सेल्सियस से बढ़ कर गुरुवार को 37 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. न्यूनतम तापमान के साथ भी यही रुझान रहा और उसमें भी इजाफा देखा गया. यह के 23.7 डिग्री सेल्सियस से तीन डिग्री बढ़ कर 26.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.
मौसम विभाग के अनुसार पंजाब और हरियाणा में तेज बारिश के बाद वहां ज्यादातर स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा. चंडीगढ़ में दिन का तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री कम है. उधर, हरियाणा में करनाल में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 33.8 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया जबकि अंबाला में तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस रहा जो चार डिग्री कम है.
पंजाब में लुधियाना में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 35.9 डिग्री सेल्सियस रहा. पटियाला में अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है.
उधर, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा हुई जिसके कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. भूस्खलन से राज्य में राजमार्गों एवं संपर्क सड़कों पर यातायात अवरूद्ध हो गया. वर्षा के कारण निचले पहाड़ी क्षेत्रों और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जन जीवन प्रभावित हुआ और कई जगह पानी भर गया.
भूस्खलन के कारण हमीरपुर-बिलासपुर-शिमला मार्ग पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. भूस्खलन वाले क्षेत्रों में लंबा यातायात जाम लगने के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेह-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा क्योंकि रोहतांग दर्रे से पांच किलोमीटर दूर रानी नाला के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. रुक रुककर हो रही वर्षा और बादल छाये रहने के कारण राज्य में अधिकतम तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया है.
शिवालिक पहाडियों की तलहटी में बसे उना में दिन का तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री कम है. राज्य में हमीरपुर के मेहर में सर्वाधिक 146 मिमी वर्षा दर्ज की गयी. अम्ब में 92 मिमी, नदाउन में 80 मिमी, बंगाना में 77 मिमी और पचाड में 51 मिमी वष्रा दर्ज की गयी. शिमला में गुरुवार सुबह तक 16.4 मिमी वर्षा दर्ज की गयी लेकिन न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस पर कायम है.
मौसम विभाग ने कहा कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में चक्रवाती गतिविधियां और पश्चिमी विक्षोभ बरकरार रहने से क्षेत्र में व्यापक वर्षा होने की संभावना है. उधर उत्तर प्रदेश में फैजाबाद, कानपुर, झांसी, मुरादाबाद, गोरखपुर, बनारस, आगरा और मेरठ मंडलों में हल्की से ले कर मध्यम बारिश हुई. कई जगहों पर गरज के साथ छींटे पड़े. बहरहाल, उत्तर प्रदेश के बाकी मंडलों में बारिश नहीं हुई. वहां मौसम शुष्क रहा.
बारिश के चलते आगरा, झांसी, मुरादाबाद, इलाहाबाद, कानपुर, मेरठ, वाराणसी, लखनऊ और बरेली मंडलों में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
उधर, राजस्थान में गर्मी का सिलसिला जारी रहा और श्रीगंगानगर राज्य की सबसे गर्म जगह रही. वहां अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. चुरू में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस रहा. इस बीच, उड़ीसा-पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में समुद्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनता दिख रहा है.
भूवनेश्वर से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मौसम विज्ञान के निदेशक शरत साहू ने कहा, ‘उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा दबाव का यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्र को 16 जून को पार कर जाएगा.’ दबाव का क्षेत्र बनता देखकर राज्य के सभी बंदरगाहों पर स्थानीय चेतावनी चिह्न संख्या-तीन (एलसी-तीन) फहराने का निर्देश दिया गया है. साहू ने कहा कि हवाओं की रफ्तार 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की उम्मीद है, जो 65 किलोमीटर प्रतिघंटे तक भी पहुंच सकती है.
उन्होंने बताया कि उड़ीसा तट से लगे और बाहर के समुद्र की परिस्थति काफी खराब हो सकती है. अगले 24 घंटे के दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है. मछुआरों को इस दौरान समुद्र की ओर नहीं निकलने की सलाह दी गई है.