जैतापुर में न्यूक्लियर प्लांट के विरोध में प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत को लेकर रत्नागिरि जिले में शिवसेना की ओर से आहूत बंद के दौरान हुई हिंसक भीड़ ने एक जिला अस्पताल में तोड़फोड़ की और कुछ बसों को आग लगा दी.
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को हुई गोलीबारी की घटना के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये हैं. इसके साथ ही गृह मंत्री एवं राकांपा नेता आर आर पाटिल ने प्रस्तावित 9900 मेगावाट संयंत्र के खिलाफ होने वाले विरोध के पीछे शिवसेना की साजिश का संकेत दिया. इस दौरान क्षेत्र से ताजा विरोध प्रदर्शनों की भी खबरें हैं.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जैतापुर मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो कुछ हुआ वह बहुत निराशाजनक था जिसने उन्हें बहुत पीड़ा पहुंचायी है. उन्होंने आशा जतायी कि इस परियोजना से संबंधित मुद्दों पर शांतिपूर्ण रूप से चर्चा हो सकती है.
पाटिल ने इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इस जांच से यह भी पता चलेगा कि सोमवार को हुई हिंसा क्या किसी पूर्व नियोजित राजनीतिक साजिश का हिस्सा तो नहीं थी.
इस बात की घोषणा करने वाले पाटिल ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया लेकिन सरकार की परियोजना को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी. 1600 मेगावाट के छह रिएक्टर के निर्माण के बाद यह विश्व की सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र होगा.
कांग्रेस ने परमाणु परियोजना के खिलाफ आंदोलन के पीछे साजिश की आशंका जताते हुए लोगों को चेतावनी दी कि बलप्रयोग भारत के आर्थिक विकास के प्रतिकूल है. बंद के दौरान हिंसा होने के बाद इस तटवर्ती जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने रत्नागिरि के जिला अस्पताल पर हमला करके उसके पोस्टमार्टम विभाग को काफी नुकसान पहुंचाया जहां तबरेज अब्दुल सयनेकर का पोस्टमार्टम किया जा रहा था.
सयनेकर की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी. भीड़ ने सरकारी बसों सहित अन्य कई वाहनों को आग के हवाले करने के साथ ही रत्नागिरि.कोल्हापुर राजमार्ग को बाधित करने के लिए टायर जलाये. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. बंद के दौरान अधिकतर दुकानें बंद रहीं और वाहन भी सड़कों पर नहीं चले.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने विधानसभा में कहा, ‘इस बात का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि संयंत्र स्थल पर हिंसक प्रदर्शन और सखीरीनाते पुलिस थाने पर हमला राजनीतिक रूप से प्रेरित तो नहीं था और पूर्वनियोजित किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं था.’ तबरेज के परिवार और स्थानीय लोगों ने उसका शव नहीं मांगा है. वे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से परियोजना को रद्द करने की घोषणा की मांग कर रहे हैं. सुबह से ही अस्पताल के बाहर एकत्र होने वाली भीड़ हिंसक हो गई और उसने अस्पताल के एक हिस्से में तोड़फोड़ की.
भीड़ ने कुछ सरकारी बसों को आग लगा दी जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी. बाद में प्रशासन ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए धारा 144 लगा दी. शिवसेना के वरिष्ठ नेता गजानन कीर्तिकर और अन्य विधायकों ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से मुलाकात करके मांग की कि गोलीबारी के आदेश देने वाले राजस्व अधिकारी अजित पवार को निलंबित करके उसके विरुद्ध हत्या का मामला चलाया जाए.
शिवसेना ने यह भी मांग की कि सेजकर के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करायी जाए और यह मानवाधिकार समिति के सदस्यों की मौजूदगी में कराया जाये. शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस.राकांपा सरकार को गोलीबारी की भारी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण अपना सामान बांधें और घर जायें.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पुलिस की गोलीबारी या ऐसे किसी भी कारण से होने वाली मौतें हमेशा ही खेदजनक होती है और लोगों की महत्वाकांक्षा के प्रति संवेदनशील रहने वाली कोई भी पार्टी इसे माफ नहीं करेगी.
माकपा ने पुलिस गोलीबारी की निंदा करते हुए जापान में परमाणु संकट के मद्देनजर इस परियोजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि देश में पहले परमाणु उर्जा परियोजना चर्चा का विषय थी लेकिन जापान में परमाणु संकट के बाद यह चिंता का विषय बन गई है.