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हाई कोर्ट ने हड़ताली पायलटों को काम पर लौटने का आदेश दिया

दिल्ली हाई कोर्ट ने हड़ताल पर गए पायलटों को काम पर लौटने का आदेश दिया है. हड़ताल के चलते एयर इंडिया प्रबंधन ने पायलटों के छह नेताओं की सेवाएं समाप्त करते हुए उनकी यूनियनों की मान्यता समाप्त कर दी.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने हड़ताल पर गए पायलटों को काम पर लौटने का आदेश दिया है. हड़ताल के चलते एयर इंडिया प्रबंधन ने पायलटों के छह नेताओं की सेवाएं समाप्त करते हुए उनकी यूनियनों की मान्यता समाप्त कर दी.

सरकार ने पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एयरइंडिया को ‘बंदूक की नोंक’ पर नहीं रखा जा सकता.

हड़ताल के कारण कम से कम 40 उड़ानों को निरस्त किया गया. इससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इनमें से कई यात्रियों को दूसरी विमान कंपनियों की सेवा लेनी पड़ी.

इस आदेश के बाद इंडियन कमर्शियल पायलट्स ऐसोसिएशन (आईसीपीए) के नेताओं ने कानूनी सलाह ली. इसके बाद एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम अपना विचार-विमर्श पूरा होने के बाद फैसला करेंगे.’ पायलट वेतन में वृद्धि और काम-काज की बेहतर स्थितियों की मांग कर रहे हैं. इस बात के भी संकेत मिले हैं कि आईसीपीए आज उच्चतम न्यायालय में दस्तक दे सकता है, लेकिन आईसीपीए ने कहा, ‘हम पूरी तरह कानूनी सलाह लेने के बाद फैसला करेंगे.’

हड़ताल के खिलाफ एयर इंडिया प्रबंधन ने अदालत में याचिका दायर की, जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने पायलटों को काम पर लौटने का आदेश दिया.

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न्यायाधीश ने पायलटों से कहा कि वे व्यापक जनहित में हड़ताल वापस ले लें. इसके अलावा न्यायाधीश ने आंदोलनकर्ताओं द्वारा उठाई गई मांगों की सुनवाई में देरी पर भी सवाल उठाए.

विमान कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, आईसीपीए के अध्यक्ष कैप्टन ए एस भिंडर और महासचिव कैप्टन ऋषभ कपूर समेत कई नेताओं की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं. दो अन्य आंदोलनरत पायलटों को निलंबित कर दिया गया है.

प्रबंधन ने आईसीपीए की मान्यता समाप्त करते हुए इसके कार्यालय को सील कर दिया है.

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री वायलार रवि ने कहा कि आंदोलनरत नेताओं के खिलाफ प्रबंधन की कार्रवाई ‘सही’ है और आईसीपीए की मांगें नहीं मानी जा सकतीं.

उन्होंने हड़ताली पायलटों से सहयोग की अपील करते हुए कहा, ‘कोई सरकार की शर्तों पर तानाशाही नहीं चला सकता, खास तौर पर कुछ पायलट. वे देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले लोग हैं. वे सरकार को धमकाने और एयर इंडिया पर तानाशाही चलाने की कोशिश कर रहे हैं.’

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