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'जैतापुर एटमी संयंत्र के हर रिएक्टर में स्वचालित सुरक्षा प्रणाली लगेगी'

सरकार ने विवादास्पद जैतापुर परमाणु उर्जा संयंत्र मामले में आगे बढ़ते हुए कहा कि उसने प्रत्येक रिएक्टर के डिजाइन में स्वचालित सुरक्षा प्रणाली लगाने का फैसला किया है.

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सरकार ने विवादास्पद जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र मामले में आगे बढ़ते हुए कहा कि उसने प्रत्येक रिएक्टर के डिजाइन में स्वचालित सुरक्षा प्रणाली लगाने का फैसला किया है.

इसके साथ ही सरकार ने कहा कि ऐसे दो परमाणु रिएक्टर 2019 तक काम करने लगेंगे और घोषणा की कि एक स्वायत्त परमाणु नियामक निकाय गठित करने के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा.

सरकार ने जोर देकर कहा कि देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में पूर्ण पारदर्शिता रहेगी और जैतापुर के स्थानीय समुदाय को संयंत्र से जोड़ने के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे जिनके लिए जल्द ही एक नया मुआवजा पैकेज घोषित किया जाएगा.

पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और इसके बाद फैसलों के बारे में घोषणा करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया.

नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है जिसके मद्देनजर एनपीसीआईएल और महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया कि स्थानीय आबादी को संयंत्र के साथ जोड़ने के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे और उनके डर और चिंताओं को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार एक स्वतंत्र और स्वायत्त परमाणु नियामक प्राधिकरण के गठन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करेगी जो मौजूदा परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड का स्थान लेगा.

जापान के फुकुशिमा परमाणु उर्जा संयंत्र पर सुनामी के विनाशकारी प्रभाव को ध्यान में रखते हुए रमेश ने कहा कि यह फैसला किया गया है कि रिएक्टरों के डिजाइन में स्वचालित सुरक्षा प्रणाली लगायी जाएगी जो एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

नारायणसामी ने कहा कि स्थानीय मछुआरों और उनके परिवारों को राज्य सरकार और एनपीसीआईएल द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती रहेगी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक संचार और पहुंच को बेहतर बनाने की जरूरत रेखांकित की है.

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