गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री आज यहां आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक से अनुपस्थित रहे.
राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की इस बैठक में जिन राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित नहीं थे उनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं.
केन्द्रीय अक्षय उर्जा मंत्री डा फारूक अब्दुल्ला भी बैठक में मौजूद नहीं थे. उनके लिए मंच पर सीट निर्धारित थी.
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री लालजी वर्मा ने मुख्यमंत्री मायावती की तरफ से राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर मौजूदगी में राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने उनका संबोधन पढ़ा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित परिषद की इस बैठक में अनेक केन्द्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्य सभा में विपक्ष के नेता, कई राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों के मुख्यमंत्री सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया.
147 सदस्यों वाली राष्ट्रीय एकता परिषद की यह पंद्रहवीं बैठक है जो करीब तीन वर्षों के अंतराल पर हो रही है. परिषद की पिछली बैठक राजधानी में 13 अक्तूबर 2008 को हुई थी. परिषद का गठन 1962 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था. पी चिदम्बरम के गृह मंत्री बनने के बाद परिषद की यह पहली बैठक है.