भ्रष्टाचार के मामलों पर विपक्ष की घेराबंदी, बिहार में चुनावी पराजय, राहुल गांधी से जुड़े कथित विकिलीक्स खुलासे, बिहार में चुनावी पराजय, कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में ‘विषय समिति’ की बैठक के साथ कांग्रेस का 83वां महाधिवेशन आज शुरू हो गया.
महाधिवेशन पर विकिलीक्स खुलासे में राहुल गांधी के कथित बयान की छाया दिख सकती है, जिसके कारण पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है. पार्टी सू़त्रों ने बताया कि पार्टी अपने राजनीतिक प्रस्ताव में इस बात पर जोर देगी कि आतंक का कोई रंग या धर्म नहीं होता है. पार्टी आतंकवाद के मुद्दे पर मध्य मार्ग अपना सकती है.
महाधिवेशन में चार प्रस्ताव पास किये जायेंगे जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के अलावा कांग्रेस के 125 वर्ष पूरे होने के संबंधित प्रस्ताव हैं. इन प्रस्तावों को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली समिति ने अंतिम रूप दे दिया है.
इन प्रस्तावों पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली विषय समिति आज मुहर लगायेगी जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता भी हिस्सा ले रहे हैं. महाधिवेशन की विषयवस्तु ‘कांग्रेस के सेवा एवं समर्पण के 125 वर्ष’ रखा गया है. महाधिवेशन में पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, केरल और असम में असान्न चुनाव तथा कुछ राज्यों में गठबंधन के विषय पर चर्चा की जायेगी.
महाधिवेशन के दौरान टू जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल में अनियमितता, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले की छाया स्पष्ट तौर पर देखने को मिल सकती है.{mospagebreak}
इस विषय में पार्टी ने अपना रूख पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस बयान के माध्यम से स्पष्ट किया है जिसमें उन्होंने आतंकवाद, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता को देश के समक्ष खतरा करार दिया था.
कांग्रेस महाधिवेश शुरू होने से ऐन पहले राहुल गांधी से जुड़े कथित विकीलीक्स खुलासे का भी सत्र पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है जिसकी आरएसएस और भाजपा ने कड़ी आलोचना की है. राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर को कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों से लश्कर ए तैयबा के समान खतरा बताया था. कांग्रेस ने इस विषय पर स्पष्टीकरण जारी किया है जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि राहुल ने रोमर से बातचीत की थी कांग्रेस ने हालांकि कहा कि इसके तथ्यों की जांच के बाद कुछ कहा जायेगा और विकीलीक्स के प्रत्येक खुलासे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के सवा सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस ‘तंबुओं के शहर’ में पार्टी का महाधिवेशन आयोजित किया गया है. इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के सभी आमो-खास वहीं रहेंगे. सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह पार्टी का तीसरा महाधिवेशन है. दिल्ली में 32 वर्ष के अंतरराल पर कांग्रेस महाधिवेशन हो रहा है, पिछला महाधिवेशन 1978 में हुआ था जिसकी अध्यक्षता इंदिरा गांधी ने की थी.
कांग्रेस की स्थापना के सवा सौ साल के इतिहास में दिल्ली में शनिवार से उसका छठा महाधिवेशन शुरू हो गया .आजादी के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में उसका यह तीसरा महाधिवेशन है. राष्ट्रीय राजधानी में 32 वर्ष के अंतराल के बाद कांग्रेस महाधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है.{mospagebreak}
महाधिवेशन की तैयारियों के सिलसिले में बुराड़ी में अस्थायी तौर पर निर्मित हो रहा यह ‘तम्बुओं का शहर’ कांग्रेस के झंडे के रंग में रंग गया है. यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के लिए ‘अटेच बाथरूम’ वाले तंबुओं के विशेष कक्ष तैयार किये गये हैं. प्रधानमंत्री सहित सरकार से जुड़े अनेक वरिष्ठ लोगों के वहां प्रवास करने को देखते हुए इसे अत्याधुनिक संचार उपकरणों से जोड़ा गया है जिससे कि सरकार का आवश्यक काम काज भी वहीं से चलता रहे.
प्रदेश कांग्रेस एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि इस महाधिवेशन की विषयवस्तु ‘कांग्रेस की सेवा एवं समर्पण के 125 वषर्’ रखा गया है. इस महाधिवेशन में पिछले 125 वर्ष में देश के विकास में कांग्रेस के योगदान को प्रदर्शित करने के साथ भविष्य में राष्ट्र सेवा के बारे में पार्टी की रणनीति को पेश किया जायेगा.’ आयोजन स्थल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं प्रतिनिधियों के ठहरने के लिए 500 तंबुओं के आशियाने बनाये गए है. महिला कार्यकर्ताओं के ठहरने के लिए विशेष प्रबंध किये गए हैं और उनके लिए अलग से टेंटों के ही 80 आवास क्षेत्र बनाये गए हैं.
दस बिस्तरों वाला एक अस्थायी अस्पताल भी आयोजन स्थल पर बनाया गया है.
दिसंबर में सिहरा देने वाले ठंडक को देखते हुए आयोजन स्थल एवं कक्षों में ‘रूम हीटर’ एवं अन्य उपकरण लगाये गए हैं.
कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन में पार्टी के लगभग 8,000 प्रतिनिधियों के अलावा जिला एवं ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं के आने की उम्मीद है. आयोजन स्थल पर करीब पांच हजार लोगों के रूकने की व्यवस्था की गई है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के रूकने के लिए आयोजन स्थल के अतिरिक्त होटलों, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं में भी व्यवस्था की गई है . सांसदों से भी अपने सरकारी आवास पर कार्यकर्ताओं के रूकने का प्रबंध करने को कहा गया है. आयोजन स्थल पर एक वृहद ‘कांफ्रेंस हॉल’ बनाया गया है जहां करीब 14 हजार कुर्सियां रखी जा सकती है . इसके अलावा इस मुख्य कक्ष से बाहर एक बड़ा टेलीविजन स्क्रीन लगाया गया है जहां लोग कार्यवाही देख सकते हैं.{mospagebreak}
महाधिवेशन में शामिल होने आने वाले लोगों के लिए आयोजन स्थल पर खानपान का विशेष प्रबंध किया गया है और इनके लिए चार ‘फूड कोर्ट’ बनाये गए हैं. यहां तीन दिनों में करीब 20 हजार लोगों के खानपान की व्यवस्था है.
महाधिवेशन के दौरान लोगों के खानपान की विशेष व्यवस्था की गई है. चूंकि आयोजन में शामिल होने के लिए देश के कोने कोने से कार्यकर्ता आ रहे हैं, इसलिए हर क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए भोजन की व्यवस्था की गई है.
तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, केरल जैसे क्षेत्र से आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए इडली, डोसा, उत्थपम जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन के अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार से आने वाले लोगों के लिए उत्तर भारतीय खाना परोसा जायेगा. पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाले प्रतिनिधियों के लिए भी क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखते हुए भोजन का प्रबंध किया जा रहा है.
महाधिवेशन के दौरान व्यवस्था की जिम्मेदारी कांग्रेस सेवादल को सौंपी गई है. इसके तहत 76 पुरूष और 25 महिला दस्ते तैनात किए जायंगे. प्रत्येक दस्ते में 12 सदस्य होंगे.