कांग्रेस सांसद राशिद मसूद ने नितिन गडकरी और बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे का आरोप मढ़ते हुए कहा कि बीजेपी भ्रष्टाचार की पोषक पार्टी है. उन्होंने कहा कि गडकरी के खिलाफ तो अब सबूत भी सामने आ गए हैं.
मसूद ने कहा, ‘बीजेपी बिना वजह ही दूसरे पर हल्ला बोल देती है जबकि किसी और ने किसी और पर ऊंगली उठाई हो.’
उन्होंने बीजेपी पर गहराई तक भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्टिंग ऑपरेशन से तो बीजेपी की की कलई पहली बार खुली थी जब बंगारु लक्ष्मण को कैमरे पर घूस लेते पकड़ा गया था.
उन्होंने कहा, ‘ये एक भ्रष्टाचार करने वालों को बचाने वाली पार्टी है और उन्हें फिर से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है.’
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष नितिन गडकरी के बचाव में सुषमा स्वराज भी आ गईं. उन्होंने गडकरी के खिलाफ लगे आरोपों को बिना जांच के स्वीकार करना ‘अनुचित’ व ‘गलत’ बताया. सुषमा ने यह भी कहा कि बीजेपी के सदस्यों को गडकरी पर पूरा भरोसा है और वे उनके साथ खड़े हैं.
सबसे पहले अरविंद केजरीवाल ने गडकरी की कंपनी पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि गडकरी ने महाराष्ट्र के किसानों की जमीन हड़पा है. केजरीवाल ने इस सिंचाई घोटाले में गडकरी के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की सांठगांठ बताई.
केजरीवाल ने गडकरी पर ये आरोप लगाए:
- कांग्रेस-बीजेपी में सांठ-गांठ है.
- 'किसानों और गडकरी के हितों में टकराव'
- किसानों की 100 एकड़ जमीन गडकरी के पास
- डैम का पानी किसानों को खेती और सिंचाई का इस्तेमाल नहीं किया गया.
- किसानों का सारा पानी बड़ी कंपनियों को दिया जा रहा है, लेकिन गडकरी ने कोई आवाज नहीं उठाई
- सिंचाई के लिए डैम बनाए गए लेकिन सिंचाई का पानी पॉवर कंपनी और शूगर इंडस्ट्री को दे रहे हैं पवार
- बांध बनाने के लिए जरूरत से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया.
- डैम में कोई नहर नहीं, बिना नहर के खेतों में कैसे जाएगा पानी.
- कई कंपनियों के मालिक हैं गडकरी, विपक्षी पार्टी के साथ गडकरी की सेटिंग, 71 पॉवर प्लांट में कई पॉवर प्लांट दोनों पार्टियों के नेताओं के हैं.
- गडकरी के पास महाराष्ट्र में पांच पावर प्लांट और तीन चीनी मिल.
- गैर कानूनी तरीके से किसानों की 100 एकड़ जमीन अजीत पवार ने गडकरी को दी गई.
- पूरे महाराष्ट्र के किसानों का यही हाल है, किसानों के आत्महत्या के नाम पर ढेर सारा फंड आ रहा है उन फंड से किसानों को जमीन या सिंचाई का पानी नहीं दिया जा रहा है.
इसके बाद एक राष्ट्रीय अखबार ने नितिन गडकरी के नियंत्रण वाली कंपनी पूर्ति पावर में भारी गड़बड़ी का खुलासा किया.