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कुडनकुलम में हिंसक हुए विरोध प्रदर्शन, पुलिस फायरिंग में एक की मौत

तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र के पास तुतिकोरिन जिले में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच संघर्ष में गोलीबारी के दौरान एक मछुआरे की मौत हो गयी.

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कुडनकुलम
कुडनकुलम

तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र के पास तुतिकोरिन जिले में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच संघर्ष में गोलीबारी के दौरान एक मछुआरे की मौत हो गयी. प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासनिक दफ्तरों में आग लगा दी.

पुलिस ने कहा कि तटीय गांव मनापाड में सड़क रोक रहे लोगों की झड़प पुलिस के साथ हो गयी जिसके बाद पुलिस की गोली से 44 साल के एक मछुआरे की मौत हो गयी.

दिल्ली में सरकार ने प्रदर्शनकारियों को उकसाने के लिए कुछ विदेशी एनजीओ को जिम्मेदार ठहराया.

दो दिन से तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में परमाणु उर्जा संयंत्र में यूरेनियम डाले जाने का विरोध किया जा रहा है. सोमवार को दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया. पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.

कुडनकुलम संयंत्र से 500 मीटर की दूरी पर एकत्र लोगों ने पुलिस एवं जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों द्वारा बार-बार किए गए अनुरोध के बावजूद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए समुद्र तट से हटने से मना कर दिया.

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नाराज लोगों ने एक स्थानीय पंचायत दफ्तर में, ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय में और कुडनकुलम में एक सरकारी शराब की दुकान में आग लगा दी और इस तरह से एक साल से अधिक समय से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे विरोध ने हिंसक प्रदर्शन की शक्ल ले ली. तुतिकोरिन में करीब 500 लोगों ने रेल पटरी पर उतरकर एक ट्रेन को कुछ समय के लिए रोके रखा.

प्रदर्शनकारियों ने तुतिकोरिन-नागरकोइल राजमार्ग भी जाम कर दिया.

केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘विदेशी एनजीओ आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं. हमें पता है कि इसके पीछे कौन से एनजीओ हैं.’

शिंदे ने कहा कि जहां तक परमाणु बिजली की बात है सरकार बहुत स्पष्ट है और भारत में इसका उत्पादन करना चाहती है क्योंकि परमाणु उर्जा सस्ती और स्वच्छ होती है. फरवरी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिका स्थित कुछ एनजीओ पर आरोप लगाया था कि वे तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र शुरू करने में कठिनाई पैदा कर रहे हैं.

सरकार ने बारह-तेरह भारतीय स्वैच्छिक संगठनों को मिल रहे धन को लेकर भी जांच की थी जिन्होंने कुडनकुलम में आंदोलन छेड़ रखा है.

चेन्नई में मुख्यमंत्री जयललिता ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि परमाणु संयंत्र के विरोध में खेमेबंदी कर रहे लोगों के बहकावे में नहीं आएं. उन्होंने परियोजना को सुरक्षित बताया.

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कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र (केएनपीपी) के खिलाफ आंदोलन चला रहे संगठन ‘पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी’ ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए 48 घंटे के अनशन की घोषणा की.

भाजपा ने पुलिस कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए कुडनकुलम में हिंसा के हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की है कि प्रदर्शनकारियों से निपटने में तमिलनाडु सरकार की मदद के लिए सेना को तैयार रखा जाए.

नियामक अधिकारियों ने हाल में संयंत्र के दो रियेक्टरों में से पहले में ईंधन के तौर पर यूरेनियम भरे जाने को हरी झंडी दे दी थी. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने भारत-रूस की इस संयुक्त परियोजना पर काम रोकने के लिए आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया.

यहां और आसपास के गांवों में बंद जैसे हालात बन गये और दुकानें तथा स्कूल बंद रहे. ग्रामीणों ने पुलिस वाहनों को आने से रोकने के प्रयास में इदिनथकराई जाने वाली मुख्य सड़कों पर गड्ढे खोद दिये.

इलाके में आरएएफ जवानों समेत करीब 4,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

केएनपीपी की पहली इकाई में काम पिछले साल दिसंबर में शुरू होना तय हुआ था लेकिन स्थानीय लोग सुरक्षा कारणों का हवाला देकर परियोजना को बंद करने की मांग करते आ रहे हैं.

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