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दिल्‍ली पहुंच अन्‍ना हजारे ने तोड़ा मौनव्रत

जनलोकपाल के लिए देशभर में आंदोलन छेड़ने वाले समाजसेवी अन्‍ना हजारे ने फिर से हुंकर भरी है. 16 अक्टूबर से खामोश अन्ना ने दिल्ली में शुक्रवार सुबह अपना मौन व्रत तोड़ दिया.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

जनलोकपाल के लिए देशभर में आंदोलन छेड़ने वाले समाजसेवी अन्‍ना हजारे ने फिर से हुंकर भरी है. 16 अक्टूबर से खामोश अन्ना ने दिल्ली में शुक्रवार सुबह अपना मौनव्रत तोड़ दिया.

महात्मा गांधी के भक्त अन्ना हजारे शुक्रवार सुबह राजघाट पहुंचे. राजघाट पर अन्ना ने 'भारत माता की जय', 'महात्मा गांधी की जय' के नारे लगाए. अन्ना ने 'वंदे मातरम्' और 'इंकलाब-जिंदाबाद' का नारा लगाकर मौनव्रत तोड़ दिया.

राजघाट पर अन्ना ने मीडिया से कहा, ‘गांधीजी की समाधि पर मैंने मौनव्रत तोड़ दिया है. इस मौनव्रत को रखने से मुझे आंदोलन के लिए शक्ति मिली है. अब मेरा बीपी ठीक हो गया और वजन भी अपनी जगह पर आ गया है.’

अन्ना ने कहा, ‘तबीयत खराब होने के कारण मुझे मौन के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखा. गांधीजी ने भी यही रास्ता अपनाया था.’ उन्‍होंने कहा, ‘12 दिन के अनशन के बाद मेरा वजन साढ़े सात किलो कम हो गया था और बीपी भी सही नहीं था.’

सुबह जब अन्ना हजारे राजघाट अपना मौनव्रत तोड़ने पहुंचे, तो उनके साथ भारी भीड़ भी जुटी. टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल और सुरेश पठारे भी अन्ना के साथ राजघाट पहुंचे. यह वही जगह है, जहां रामलीला मैदान में अनशन करने से पहले भी अन्ना पहुंचे थे और देर तक ध्यान किया था.

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लोकपाल बिल के लिए लड़ाई लड़ रही टीम अन्ना की शुक्रवार को ही कोर कमेटी की बैठक हो रही है. बैठक में टीम अन्ना अपनी आगे की रणनीति तय करेगी.

दूसरी ओर इसी दिन लोकपाल पर संसद की स्थायी समिति की बैठक शाम चार बजे होनी है. गुरुवार को भी दिल्ली में कमेटी ने लोकपाल पर माथापच्ची की थी. ऐसे में अन्ना सरकार के सामने अपनी बात कैसे रखते?

गौरतलब है कि पुणे से दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट पर ही अन्ना ने इशारों-इशारों में बता दिया था कि वो अपना मौनव्रत तोड़ने वाले हैं.

हजारे के 19 दिन के ‘मौन व्रत’ के दौरान उनकी टीम वित्तीय कदाचार सहित कई विवादों में घिरी. बीते सप्ताह, हजारे ने रालेगण सिद्धी में मुख्य सदस्यों के साथ एक बैठक की थी जिसमें यह तय किया गया कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का एक संविधान होगा और इसकी कोर समिति के सदस्य मानदंडों का पालन करेंगे.

हजारे ने चेतावनी दी है कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो वह फिर से अनशन करेंगे.

गांधीवादी हज़ारे शुक्रवार को दोपहर को संवाददाताओं को संबोधित करेंगे और शाम साढ़े चार बजे वह लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही, कार्मिक तथा विधि और न्याय मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक में शामिल होंगे.

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स्थायी समिति के समक्ष गुरुवार को गांधीवादी कार्यकर्ता के साथी शांति भूषण, अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी उपस्थित हुए और उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित लोकायुक्त विधेयक के तर्ज पर ही सरकार के लोकपाल विधेयक में बदलाव करने का सुझाव दिया था.

लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही स्थायी समिति की बैठक में हज़ारे ने इससे पहले सितंबर में शिरकत की थी.

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