तरह-तरह के रंग-बिरंगे शैंपू लगाने के बाद भी भारतीयों के बालों और रूसी यानी डैन्ड्रफ में चोली-दामन का साथ बना हुआ है. एक हालिया सर्वे के अनुसार, रूसी के मामले में भारतीय दुनिया भर में अव्वल हैं.
हाल ही में हुए एक सर्वे में बताया गया है कि करीब 70 फीसदी भारतीय रूसी की समस्या से ग्रस्त हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर के ‘क्लियर पेरिस संस्थान’ द्वारा कराए गए इस वैश्विक सर्वे में पाया गया कि पिछले 12 महीनों में करीब 70 फीसदी भारतीय उपभोक्ताओं ने रूसी की शिकायत की.
रूसी की सबसे ज्यादा समस्या 18 से 30 साल वाले युवाओं में पाई गई जो रूसी को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. रूसी के डर से वे काले या गहरे रंग के कपड़े तक पहनने से परहेज करते हैं.
यह सर्वे रूस, जर्मनी, इंडोनेशिया, चीन, ब्राजील, मैक्सिको समेत दुनिया भर के कई देशों में कराया गया और इसमें करीब 13,000 लोग शामिल हुए. रूसी के मामले में चीन और भारत शीर्ष पर रहे, जबकि जर्मनी में केवल 40 फीसदी लोग रूसी की समस्या से ग्रस्त पाए गए.
सर की त्वचा ज्यादा शुष्क या ज्यादा तैलीय होने की स्थिति में रूसी फफूंद से पैदा होती है. यह प्राकृतिक तौर पर खोपड़ी पर होती है. सर्वे में बताया गया कि 10 में से सात भारतीय उपभोक्ताओं को विश्वास है कि रूसी की समस्या से पूरी तरह निजात पायी जा सकती है.