केंद्रीय टेलीकॉम राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि 5जी के लिए सरकार पूरी तैयारी कर रही है. टेलीकॉम में 5जी सेवाओं की शुरुआत करने के लिए हाई लेवल फोरम 5जी इंडिया बना दी गई है.
बजट में प्रावधान करके 5जी टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है. इसी के मद्देनजर नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट पब्लिक डोमेन में डाल दिया गया है. जल्द ही इस पर मिले सुझावों को शामिल करके नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी जारी की जाएगी. टेलीकॉम मंत्री ने पिछले 4 सालों में मंत्रालय की उपलब्धियों का लेखा-जोखा जारी करते वक्त यह बात कही.
टेलीकॉम मंत्री ने कहा कि संचार के क्षेत्र में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं. स्पेक्ट्रम की पारदर्शी नीलामी के माध्यम से विश्वास की व्यापक कमी को दूर करना और बड़े पैमाने पर भारत नेट जैसी डिजिटल कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू कर के देश में डिजिटल अंतराल को खत्म करना. उन्होंने कहा कि डाक विभाग में हमने फाइनेंशियल इंक्लूजन के जरिए नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रावधान का काम शुरु किया है. इससे बैंकिंग की सेवा को दूर गांव में बैठे आदमी तक पहुंचाना संभव हो पाएगा.
मनोज सिन्हा ने बताया कि पिछले 4 सालों में देशभर में इंटरनेट के कवरेज में 75 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 44.6 करोड़ हो गई है. देशभर में ऑप्टिकल फाइबर केबल का कवरेज इस दौरान 700000 किलोमीटर से बढ़कर 1400000 किलोमीटर हो गया है. उन्होंने बताया टेलीकॉम टैरिफ में भारी कटौती से पूरे देश के उपभोक्ताओं को फायदा हो रहा है औसतन वॉइस टैरिफ में 67 फ़ीसदी की कटौती हुई है और अवसर डेटा टैरिफ में 93 फ़ीसदी की कटौती हुई है. पिछले 4 सालों में ब्रॉडबैंड एक्सेस में भी 7 गुना बढ़ोतरी हुई है. ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर की संख्या 6.1 करोड़ से बढ़कर 41.2 करोड़ हो गई है.
मोदी सरकार की 4 साल की उपलब्धियों का बखान करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा ग्रामीण डिजिटल कनेक्टिविटी परियोजनाओं जैसे कि भारत ने और पूर्वोत्तर क्षेत्र अंडमान निकोबार दीप समूह लक्ष्यदीप के साथ-साथ नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए नई-नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. इससे प्रधानमंत्री का सबका साथ सबका विकास का सपना साकार हो रहा है.
केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री ने कहा कि पिछले 4 सालों में डाक विभाग ने कायाकल्प करने वाले बदलावों को लागू किया है. जिनका उद्देश्य देश में डाकघरों की स्थिति में बदलाव करना है. उन्होंने बताया डाक विभाग ने सफलतापूर्वक नागरिक केंद्रित सेवाएं शुरू की है. उनके मुताबिक, स्पीड पोस्ट का औसत वार्षिक राजस्व 2 गुना से अधिक हो गया है. साल 2006 से लेकर 2014 के बीच 728 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक राजस्व था. लेकिन वर्ष 2014 से 2018 के बीच यही राजस्व बढ़कर औसतन 16 से 82 करोड़ रुपये का हो गया है.
मनोज सिन्हा ने बताया कि भारतीय डाक भुगतान बैंक यानी आईपीपीबी शुरू करने की पूरी तैयारी हो चुकी है. इस बैंक की 650 शाखाएं जिला मुख्यालय डाकघरों में स्थित होगी. इन बैंकिंग शाखाओं के जरिए से देश के कोने-कोने में वित्तीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी. मनोज सिन्हा ने कहा कि हमारे देश के दूरदराज के कोनों तक तेजी से विकासशील देश के लाभों को पहुंचाने सरकार के डिजिटल इंडिया जैसे फ्लैगशिप कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाने के लिए डाक विभाग और टेलीकॉम ने कैटलिस्ट के रूप में काम करना जारी रखा है.