संसद का वक्त और देशहित के फैसलों को लेकर जनता का एक बार फिर बड़ा नुकसान हुआ है. हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही हर दिन ठप्प हो रही है. व्यापम घोटाले और ललित मोदी मामले के चलते लगातार अभी तक कुछ काम नहीं हुआ. आलम ये है कि 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अभी तक किसी बिल पर चर्चा नहीं हुई
है. 
हर दिन कांग्रेस और बीजेपी सांसदों के बीच हंगामे के चलते सदन का कामकाज रोकना पड़ रहा. अकेले इस सत्र में संसद में कोहराम से अब तक करीब 260 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
सबसे ज्यादा बर्बादी लोकसभा की कार्यवाही ठप होने से हो रही है. ऐसा तब है जब बीजेपी नीत केंद्र सरकार का सांसदों की संख्या के मामले में इस सदन पर दबदबा है.

वहीं, राज्यसभा में भी अगर कार्यवाही रोकी जाती रही तो पैसों की बर्बादी के मामले में ये भी सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा.

संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त को खत्म हो रहा है. लेकिन विपक्ष के गतिरोध को देखते हुए लग रहा है कि केंद्र का दलित कार्ड भी फेल हो जाएगा.