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राजस्थान में राजपूतों ने दिखाई ताकत, एक मंच पर आए सभी पार्टियों के दिग्गज नेता

जयपुर (Jaipur) में आज राजपूतों की अब तक की सबसे बड़ी सभी हुई. इसमें एक लाख से ज़्यादा राजपूत शामिल हुए. क्षत्रिय युवक संघ के डायमंड जुबली के इस कार्यक्रम में बीजेपी और कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद थे. माना जा रहा है कि बदले हुए माहौल में अपनी सियासी ताक़त जुटाने के लिए राजपूतों की अब तक की यह सबसे बड़ी पहल है.

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जयपुर में हुई रैली (फोटो: आजतक)
जयपुर में हुई रैली (फोटो: आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्षत्रिय युवक संघ की डायमंड जुबली रैली का आयोजन
  • राजपूत समाज की ताक़त बनाने पर सबकी सहमति

जयपुर में आज राजपूतों की अब तक की सबसे बड़ी सभी हुई. इसमें एक लाख से ज़्यादा राजपूत शामिल हुए. क्षत्रिय युवक संघ के डायमंड जुबली के इस कार्यक्रम में बीजेपी और कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद थे. राजस्थान सहित देशभर से आए राजपूतों ने समाज सुधार और समाज के हक़ को लेकर बात की. केंद्रीय मंत्रियों के अलावा सांसद और राज्य मंत्री शामिल हुए.माना जा रहा है कि बदले हुए माहौल में अपनी सियासी ताक़त जुटाने के लिए राजपूतों की अब तक की यह सबसे बड़ी पहल है.

क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना राजस्थान के झुंझनू के पिलानी में तन सिंह ने की थी. कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि क्षत्रिय संस्कार का नाम है. राजपूत समाज को अपने विचार व्यवहार से समाज को आगे लेकर जाएं. शेखावत ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है, जिस पर राजनीतिक बातें की जाएं. राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास हालांकि राजनीतिक बातें करते हुए गिनाने लगे कि अगड़ी जातियों के आरक्षण के लिए गहलोत ने जो किया है, वह केंद्र को भी करना चाहिए.

'राजपूतों के लोकतंत्र के लिए सौंपे हैं राजपाठ'

बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजपूतों ने लोकतंत्र के लिए राज पाठ सौंपे हैं. इस मौक़े पर क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसहबसर ने कहा कि राजपूत अपना गुस्सा पीना और सहना सीखें. आज पूरे राजस्थान में केसरिया पगड़ी पहन के आए राजपूतों और केसरिया व पीले वस्त्रों में आईं राजपूत महिलाओं की भीड़ की चर्चा रही. 

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लोगों में चर्चा: आखिर यह रैली किसने करवाई

राजपूतों की इतनी बड़ी रैली जयपुर में इससे पहले कभी नहीं हुई. राजपूत समाज के लोग ट्रेनें बुक कर रैली में पहुंचे थे. इस रैली के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं. पूरे राजस्थान में चर्चा है कि आख़िर यह रैली किसने करवायी और इतनी भीड़ कैसे आई. क्या इसके पीछे कोई सियासत है या फिर राजपूत समाज ने अपनी पहचान के लिए और अपनी ताक़त के लिए एकजुटता दिखाई है.

गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और असम से भी बड़ी संख्या में राजपूत क्षत्रिय युवक संघ की इस डायमंड जुबली रैली में हिस्सा लिया.

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