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जयपुर में इनकम टैक्स की बड़ी रेड, ज्वेलरी फर्म से मिली 500 करोड़ की बेनामी संपत्ति

इनकम टैक्स ने 23 नवंबर को करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान अफसरों ने 4 करोड़ रुपए का कैश और 9 करोड़ की ज्वेलरी बरामद की थी. अभी तक ग्रुप के पास 500 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता चला है. इनकम टैक्स ने अपने बयान में बताया कि ग्रुप ने 500 करोड़ में से 72 करोड़ को बेनामी संपत्ति स्वीकार किया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इनकम टैक्स ने 23 नवंबर को करीब 50 ठिकानों पर मारे थे छापे
  • इनकम टैक्स ने ज्वेलरी बनाने वाले ग्रुप पर मारे थे छापे

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में जयपुर में ज्वेलरी बनाने, एक्सपोर्ट करने वाली और रत्न की कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. आईटी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान ग्रुप के पास से 500 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का पता चला है. 

इनकम टैक्स ने 23 नवंबर को करीब 50 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान अफसरों ने 4 करोड़ रुपए का कैश और 9 करोड़ की ज्वेलरी बरामद की थी. अभी तक ग्रुप के पास 500 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता चला है. इनकम टैक्स ने अपने बयान में बताया कि ग्रुप ने 500 करोड़ में से 72 करोड़ को बेनामी संपत्ति स्वीकार किया है. 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए नीति तैयार की. आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक, कंपनी अफ्रीका से रफ कीमती रत्न और कम कीमती रत्न लाती थी और इन्हें जयपुर में तैयार किया जाता था. 

इस तरह बनाई बेनामी संपत्ति
इन पॉलिश किए गए कुछ कीमती रत्नों को कैश में बेंचा जाता था. इससे बेनामी संपत्ति अर्जित की गई, इसे कंपनी के खातों में दर्ज नहीं किया गया. आईटी के मुताबिक, इस बेनामी रकम को फाइनेंस ब्रोकर द्वारा कैश लोन देकर बढ़ाया गया. 
 
आईटी अफसरों ने कैश लोन और ब्याज से जुड़े दस्तावेजों और डिजीटल सबूतों को सीज कर लिया है. आईटी का दावा है कि कंपनी के पास बेनामी संपत्ति के अलावा बिना दर्ज की गई खरीद और बेच के सबूत मिले हैं. आईटी को स्पेशल इकोनॉमिक जोन से चलने वाले ग्रुप्स के दस्तावेज भी मिले हैं, जो यह बताते हैं कि कुछ यूनिट द्वारा अधिक लाभ दिखाने जैसे कामों में संलिप्त रहा है. 

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