दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण यानी एनजीटी ने कड़ा फैसला लिया है. एनजीटी ने एक फैसले में गुरुवार को कहा कि पराली को जलाने वाले पंजाब के किसानों को कृषि के लिए मिलने वाली मुफ्त बिजली नहीं दी जाएगी. न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की सरकारें भी पराली जलाने वाले अपने किसानों के खिलाफ इस तरह के कदम उठाने को स्वतंत्र हैं.
दिल्ली और उसके आसपास वाले इलाकों में होने वाले प्रदूषण की एक बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जलाना है. इसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. हालांकि बुधवार को हुई हल्की बारिश की वजह से दिल्लीवासियों को मामूली राहत जरूर मिली है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के मुताबिक, बुधवार सुबह दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 289, जबकि पीएम 2.5 325 है जिसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है. मंगलवार सुबह शुरू हुआ हल्की बारिश का सिलसिला बुधवार सुबह तक चला. दिल्ली के साथ गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी मंगवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक बारिश हुई. इससे प्रदूषण के स्तर में बहुत थोड़ी सी ही कमी देखी गई.
बहरहाल, गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने अपने एक फैसले में कहा कि पंजाब में जो किसान अपने खेत में पराली जलाएंगे उन्हें राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाली मुफ्त बिजली और पानी नहीं मिलेगी. एनजीटी ने कहा कि बाकी यूपी हरियाणा और दिल्ली सरकार भी ये अपने किसानों पर लागू करने के लिए स्वतंत्र है. अब इस मामले में 30 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी. उससे पहले चारों राज्यों को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपनी होगी.