पंजाब में इस साल आई बाद बाढ़ प्रदेश के लिए विनाशकारी साबित हुई. शुक्रवार शाम तक प्रदेश के 23 जिलों में से 12 जिलों की स्थिति अभी भी अत्यंत गंभीर है. दो हज़ार में से 14सौ गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है. 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और दर्जनों लापता हैं. कई गांवों का मुख्य शहर से अभी संपर्क टूटा हुआ है. राहत बचाव कार्य भी तेजी से चल रहा है.
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और उन्होंने सभी उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत कार्यों पर उच्च स्तरीय बैठक की.
मुख्यमंत्री मान ने कहा, हम बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए युद्ध स्तर पर काम करेंगे. एक महीने के भीतर मुआवजे देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उम्मीद है कि पूरा काम दिवाली तक पूरा हो जाएगा.
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि पहले ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि नुकसान का सर्वे रिपोर्ट का डेटा एक महीन के भीतर तैयार कर लिया जाए.
उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में इस आपदा की वजह से 55 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 42 के परिजनों को वित्तीय सहायता मुहैया कर दिया गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार राहत और पुनर्वास के लिए व्यापक अभियान चला रही है.
मुख्यमंत्री मान ने पिछले सरकारों पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि लोगों को अभी भी याद है कि पिछली सरकारें प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए उन्हें 26 या 40 रुपये के चेक दिया करती थी. इतनी मामूली सी रकम, धाव पर नमक छिड़कने जैसा था. प्रभावित लोगों को इधर-उधर दौड़ना पड़ता था, लेकिन उन्हें सही मुआवजा नहीं मिला करता था.
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उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'ये लोग कहते हैं कि भगवंत मान की वजह से पंजाब में बाढ़ आई है. वे हर चीज़ के लिए भगवंत मान को दोष देना चाहते हैं.'
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