NDA द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. एनडीए द्वारा अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की और उनकी पार्टी से अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा. हालांकि, इंडिया ब्लॉक चुनाव को लेकर आज रणनीति बैठक करने वाला है. इसी बीच चुनावी समीकरणों और नंबर गेम ने इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है.
दरअसल, उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाला चुनाव सामान्य चुनाव से विपरीत होता है. उपराष्ट्रपति का चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली द्वारा किया जाता है. विजेता घोषित होने वाले उम्मीदवार को मतों का एक कोटा पार करना होगा जो कुल वैध वोटों के दो से भाग देकर और एक जोड़कर की जाती है. अगर कोई उम्मीदवार पहली मतगणना में इस कोटे को पार नहीं कर पता तो सबसे कम प्रथम-वरीयता वाले मत पाने वाले उम्मीदवार को प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है. फिर उनके मतपत्रों को दूसरी वरीयता के आधार पर पुनर्वितरित किया जाता है. ये प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत प्राप्त नहीं कर लेता.
क्या कहते हैं आंकड़े
चुनाव के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 782 सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जिसमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा के हैं. चुनाव में बहुमत के लिए 392 सांसदों की जरूरत होगी.
वहीं, सरकार के पक्ष में 427 सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है, जिसमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. इसके इतर विपक्ष के पास 355 सांसदों का गणित है, जिसमें 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. हालांकि, इनमें से 133 सांसदों का समर्थन अभी अनिर्णित माना जा रहा है जो इस चुनाव के फैसले में निर्णायक साबित हो सकते हैं.
इन्हीं अनिर्णित 133 वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. इंडिया ब्लॉक को होने वाली बैठक में इस नंबर गेम पर चर्चा हो सकती है. कांग्रेस और अन्य दलों के नेता अपने उम्मीदवार को मजबूत करने और सरकार के नंबर गेम को चुनौती देने की रणनीति बना सकते हैं. जबकि दूसरी ओर सरकार अपने सहयोगियों साथ मिलकर विपक्ष की कोशिशों को कमजोर करने में जुटी है. इसी क्रम में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत कर समर्थन मांगा है, क्योंकि इन अनिर्णित वोटों में कई क्षेत्रीय दलों का प्रभाव हो सकता है.
इस प्रकार है संख्या बल
लोकसभा (542 सांसद)
राज्यसभा (240 सांसद)
इस समीकरण में साफ दिखता है कि सरकार समर्थित उम्मीदवार को विपक्ष पर बढ़त हासिल है, क्योंकि उनके पास बहुमत से ज्यादा यानी 427 सांसदों का समर्थन है। वहीं विपक्ष 355 सांसदों के साथ थोड़ी दूरी पर है. अब देखना होगा कि क्या विपक्ष एकजुट रह पाता है या कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग कर सरकार समर्थित उम्मीदवार की राह आसान कर देंगे.
NDA ने सीपी राधाकृष्णन को घोषित किया उम्मीदवार
इसके अलावा बीजेपी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और अपने कद्दावर नेता सीपी राधाकृष्णन को एनडीए का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. इसके साथ ही बीजेपी ने दक्षिण भारत की राजनीति को भी साधने की कोशिश की है, क्योंकि बीजेपी साउथ में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर पैठ बनाने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस-DMK को चुनौती
बीजेपी ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित कराना कांग्रेस और डीएमके को सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह तमिलनाडु के कोयंबटूर से हैं और वह वहां से दो बार सांसद भी रह चुके हैं. वहीं. 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों को छोड़कर बीजेपी का प्रदर्शन तमिलनाडु में निराशाजनक था.