स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जताई है. दोनों ने रविवार को बयान जारी कर वांगचुक की तुरंत और बिना शर्त रिहाई की मांग की.
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह मंत्रालय ने सोनम के एनजीओ का एफसीआरए प्रमाणपत्र रद्द कर दिया, उनके शिक्षण संस्थान का लाइसेंस निरस्त किया और संस्थान को आवंटित भूमि भी वापस ले ली, जो दुर्भावनापूर्ण और कानून के खिलाफ है. सोनम के खिलाफ किसी तरह का ठोस सबूत नहीं है. अगर उन्होंने हिंसा भड़काई होती या किसी प्रकार की अशांति पैदा की होती, तो उसका कम से कम एक वीडियो सामने आना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला है.
भूषण ने आगे कहा कि सोनम वांगचुक के खिलाफ अदालत में याचिका दायर करने का फैसला बाद में लिया जाएगा. अभी हम हिरासत के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, जो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार 5 दिनों के भीतर जारी होना चाहिए.
वहीं, योगेंद्र यादव ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनम वांगचुक लद्दाख में पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों से महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी न सिर्फ अनुचित है बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे की घंटी है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सोनम वांगचुक को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए.
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक हाल के दिनों में लद्दाख की स्वायत्तता, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर लगातार मुखर रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है.