आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी अपने 24 मंत्री औपचारिक रूप से इस्तीफा मांग सकते हैं. सीएम गुरुवार को अमरावती के राज्य सचिवालय में अपनी कैबिनेट की बैठक करेंगे और इसी दौरान कई मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ मंत्रियों से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. सीएम जगन रेड्डी यह कवायद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन करने की दिशा में उठा रहे हैं ताकि सूबे के जातीय समीकरण को साधा जा सके. माना जा रहा है कि 11 अप्रैल को वह दोबारा से नया मंत्रिमंडल का गठन करेंगे.
बता दें कि 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वादा किया था कि ढाई साल बाद अपने मंत्रिमंडल में बदलाव करेंगे और वह अपने मंत्रिमंडल के कम से कम आधे हिस्से को बदल देंगे. ऐसे में उन विधायकों को कैबिनेट में मौका देंगे, जिन्हें पहले मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में मौका नहीं मिला. इसी मद्देनजर माना जा रहा है कि सीएम अपने कैबिनेट सहयोगियों का इस्तीफा मांगेंगे और वह एक नई टीम तैयार करेंगे.
जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रिमंडल का गठन 8 जून, 2019 को किया था, जिसमें 24 मंत्री शामिल किए गए थे. इस तरह से सभी मंत्रियों का 8 दिसंबर 2021 को ढाई साल पूरे हो चुके हैं. हालांकि, कोराना महामारी सहित कई अन्य कारणों के चलते कैबिनेट पुनर्गठन को टाल दिया गया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी उसे अमलीजामा पहनाना चाहते हैं. सीएम ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि वह उगाडी और नए जिलों के गठन के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का कार्य करेंगे.
राज्यपाल से मिले थे रेड्डी
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी दिल्ली दौरे से आंध्र प्रदेश लौटने के बाद बुधवार की विजयवाड़ा के राजभवन में जाकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मिले. सीएम जगन रेड्डी ने अपने दिल्ली यात्रा के दौरान पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है. वहीं, राज्यपाल से मिलने के बाद कैबिनेट में फेरबदल की संभावना बढ़ गई है.
माना जा रहा है कि जगन मोहन रेड्डी पुनर्गठित मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करने का दांव चल सकते हैं. कम से कम चार मौजूदा मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में दोबारा से मंत्री बनाया सकता है. जगन रेड्डी ने 2019 में 25 सदस्यी मंत्रिमंडल का गठन किया था, जिसमें खुद भी वो शामिल थे.
हालांकि, साल 2020 में सीएम रेड्डी ने अपने दो कैबिनेट मंत्री रहे पिल्ली सुभाष चंद्र बोस और आर मोपीदेवी वेंकटरमण को राज्यसभा भेज दिया था. इन दोनों की जगह सीएस वेणुगोपाला कृष्णा और सीदिरी अप्पलाराजू को कैबिनेट में शामिल किया था. फरवरी में राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी के निधन से कैबिनेट में एक रिक्ति हुई.
बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार में विधायकों की संख्या के आधार पर सीएम सहित अधिकतम 26 मंत्री हो सकते हैं. राज्य की 175 सदस्यीय विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस ने 151 सीटें हासिल की थीं. इस तरह से वाईएस जगन ने 2019 में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी को हराकर भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद 25 सदस्यीय कैबिनेट का गठन किया था. वहीं, अब पौने तीन साल के बाद दोबारा से कैबिनेट का गठन कर सियासी समीकरण साधने का दांव चल सकते हैं ताकि 2024 की चुनावी जंग को फतह कर दोबारा सत्ता में वापसी कर सकें.