संत कबीर दास के 620वें प्राकट्य दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मगहर पहुंचे. कबीर की समाधि स्थल पर पीएम मोदी ने मजार पर चादर चढ़ाई और माथा टेका.
वहीं, पीएम के दौरे से एक दिन पहले बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मगहर पहुंचे थे.
योगी कबीर की मजार पर गए लेकिन वहां संरक्षक ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, तो योगी ने उनका हाथ पकड़ लिया और इशारे में मना कर दिया.
बाद में उन्हें टोपी हाथ में लेने को कहा तो उन्होंने उससे भी इनकार कर दिया. फिर योगी इंतजामों के बारे में पूछने लगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत कबीर की नगरी मगहर में लोगों को संबोधित भी किया.
पीएम मोदी ने कबीर के संदेश को याद करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, "संत कबीर जाति में विश्वास नहीं करते थे, वह मानते थे कि हर
कोई बराबर है. हम कबीर के बुद्धिपरक संदेश को जनता तक ले जाएंगे और न्यू
इंडिया को आकार देंगे."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और
अशांति चाहिए. उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे
उतना राजनीतिक लाभ होगा. सच्चाई ये है ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं, इन्हें
अंदाजा नहीं कि संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहेब को मानने वाले हमारे
देश का स्वभाव क्या है.
पीएम ने महागठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और आपातकाल का विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने में लगे हैं. ये सिर्फ अपने परिवार के हितों के लिए चिंतित हैं.
संतकबीर नगर जिले में छोटा सा कस्बा मगहर वाराणसी से 200 किमी दूर है. मगहर के बारे में कहा जाता था कि यहां मरने वाला व्यक्ति नरक में जाता है. कबीर ने इसी अंधविश्वास को तोड़ने के लिए अंतिम समय मगहर में ही बिताया था.
1518 में इसी जगह संत कबीर दास की मृत्यु हुई.