मनमोहन सिंह दिल्ली वापस चले जाएं..हमें अन्ना हजारे चाहिए.
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में एक बार फिर वन्दे मातरम का नारा बुलंद हो गया.
मौत से वहीं डरते हैं जिसके दामन पर दाग होते हैं.
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में अन्ना हजारे हम तुम्हारे साथ हैं.
देश और देशवासियों को जन लोकपाल बिल की जरुरत है. सरकार का 'जोकपाल बिल' किसी भी हाल में मान्य नहीं होगा.
कुछ लोगों ने कार्टून के जरिए ये बताया कि अगर लोकपाल बिल पास नहीं होगा तो देश का क्या हाल होगा.
तख्तियों पर कार्टून बनाकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं. यूपीए सरकार निकम्मी है भ्रष्टाचार की मम्मी है.
सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है.....सरकार का लोकपाल भ्रष्ट को पोषित करने वाला.
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में अन्ना हजारे हम तुम्हारे साथ हैं.
सरकार का कैसा है ये खेल....कसाब को कबाब और अन्ना को जेल
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में बच्चों भी सिपाही की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं.
सिब्बल के संसदीय क्षेत्र के एक सज्जन ने तख्ती पर लिख रहा था कि मैं अन्ना हजारे का गुनहगार हूं क्योंकि मैने सिब्बल को वोट दिया था.
सरकार को चेतावनी देते हुए एक नवयुवक ने अपनी गले में तख्ती लटका रखी है जिसमें लिखा है, मनमोहन प्यारे....मैं हूं अन्ना हजारे.
देश की महिलाएं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में सामने आईं हैं. भ्रष्टाचार रोको और देश बचाओ का नारा इसी ओर एक पहल है.
मैं भी अन्ना...तू भी अन्ना.....अब तो सारा देश है अन्ना..
क्या बूढ़े..क्या जवान...भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में बच्चों ने खुलकर भागिदारी दी है. हम सब जमकर लड़ेंगे..इस सरकार को सबक सिखाएंगे..यह नारा इसी का गवाह है.
'हम आम आदमी हैं. आओ हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ें'
जनलोकपाल बिल लाना है.भ्रष्टाचार मिटाना है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में हर कोई सामने आया है. भ्रष्टाचार रोको और देश बचाओ का नारा इसी ओर एक पहल है.
देश और देशवासियों को जन लोकपाल बिल की जरुरत है. सरकार का 'जोकपाल बिल' किसी भी हाल में मान्य नहीं होगा.
काले अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा आजादी की लड़ाई की याद दिलाता है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में अन्ना हजारे हम तुम्हारे साथ हैं.
भ्रष्टाचार के आजाद हो देश..सबकी जुबान पर एक ही नाम है अन्ना हजारे.....अन्ना
नौजवानों ने तख्तियों के जरिए रोष व्यक्त किया. जिस पर लिखा था कि अन्ना का बोलबाला है.....भ्रष्टाचारियों का मुंह काला है.
भ्रष्टाचार के आजाद हो देश..सबकी जुबान पर एक ही नाम है अन्ना हजारे.....अन्ना
आजादी की सूखी रोटी गुलामी के पकवान से बेहतर है.
सरकार को घेरते हुए कुछ नौजवानों ने यहां तक कहा कि ये सरकार अंधी है.
धृतराष्ट्रों जाओ....अन्ना शरणम गच्छामि.
जनलोकपाल चाहिए न कि सरकार का जोकपाल.
इस देश और देशवासियों को जन लोकपाल बिल की जरुरत है. सरकार का 'जोकपाल बिल' किसी भी हाल में मान्य नहीं होगा.
'उज्जवल भविष्य के लिए आगे आएं. मैं अन्ना हजारे हूं'
कई नौजवानों ने अपने टी शर्ट पर लिख रखा था 'वेक अप यूथ्स (जागो युवा)'. नारे लगा रहे थे और नारे लिखे तख्तियां लहरा रहे थे.
मेरी उम्र 107 वर्ष है....और मैं भी अन्ना.
नौजवानों ने तख्तियों के जरिए रोष व्यक्त किया. जिस पर लिखा था कि अन्ना का बोलबाला है.....भ्रष्टाचारियों का मुंह काला है.
'हम भ्रष्ट नेता नहीं चाहते। लोकपाल विधेयक से आप भयभीत क्यों हैं ?'