राजपथ पर स्थित मुख्य समारोह स्थल पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन बजने के साथ ही परेड शुरू हो गयी. इस मौके पर गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भूटान नरेश जिग्मे खेसर नांग्येन वांगचुक सलामी मंच पर मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलते भुटान नरेश जिग्मे खेसर नांग्येन वांगचुक.
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत सुबह हुई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली के बीचोंबीच स्थित युद्ध स्मारक इंडिया गेट पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सहित सरकार के तमाम मंत्री, विभिन्न देशों के राजनयिक, आला अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक इस मौके पर मौजूद थे.
सैन्य शक्ति के साथ-साथ प्राचीनकाल से अपने गहरे लगाव को दिखाने के लिए शनिवार को राजपथ पर 64वें गणतंत्र दिवस समारोह पर आयोजित परेड में स्वदेश में विकसित सैन्य साजोसामान और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया गया.
गणतंत्र दिवस के मौके पर करतब दिखते भारतीय वायुसेना के विमान.
भारतीय वायुसेना के विमानों ने परेड देखने वालों का मन मोह लिया.
अब तक परेड में ज्यादातर विदेशी साजोसामान का प्रदर्शन करने की परंपरा थी.
इस परेड ने एक तरह से भारत की बढ़ती क्षमताओं की पुष्टि की और बताया कि वह वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
गणतंत्र दिवस में समारोह में हर साल की तरह इस बार भी अलग अलग झांकियों ने लोगों को खूब आकषिर्त किया. इन झांकियों में कहीं लोगों को स्वामी विवेकानंद का दर्शन नजर आया तो कहीं विज्ञान के चमत्कार की कहानी बयां करती ‘नूरी’ का दीदार हुआ.
बतौर राष्ट्रपति मुखर्जी ने आज पहली बार गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली.
जम्मू-कश्मीर की झांकी समृद्धि संस्कृति और विज्ञान दोनों पर केंद्रित थी. इसमें मशहूर पशमीना शाल को दिखाया गया तो दूसरी ओर राज्य के ‘शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय’ की ओर से पशमीना भेड़ के तैयार क्लोन ‘नूरी’ का भी चित्रण था.
हिमाचल प्रदेश की झांकी किन्नौर के आदिवासियों के हस्तशिल्प, वास्तुकला और लोक जीवन पर आधारित रही. किन्नौर की संस्कृति का उल्लेख पौराणिक साहित्य में किया गया है.
सशस्त्र बलों की टुकड़ियों, अर्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के सधे हुए कदमताल के अलावा पंरागत वेशभूषा में स्कूली बच्चों की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया.
भारतीय वायुसेना के दस्ते ने भी परेड की शान बढ़ाई.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना का दस्ता.
तीनों सेनाओं, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल, एनसीसी कैडेटों और स्कूली बच्चों की परेड, ब्रहमोस और अग्नि-5 सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस हथियार, विभिन्न प्रदेशों और मंत्रालयों की रंग बिरंगी झाकियां और बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम 64वें गणतंत्र दिवस समारोह का आकषर्ण रहे.
दो किलोमीटर लंबे राजपथ पर बैंड की धुनों पर पूरी लय में कदम से कदम मिलाते हुए सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.
परेड में में भारतीय वायु सेना ने अपने विमानों के करतब दिखाए.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित 5500 से 5800 किलोमीटर तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 इस बार की परेड का सबसे बडा आकषर्ण था.
एक सौ मिनट तक चले परेड का मुख्य आकर्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित 5 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल थी. इसका परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान दिल्ली के राजपथ से होकर गुजरती मेघायल की झांकी.
सशस्त्र बलों की टुकड़ियों, अर्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के सधे हुए कदमताल के अलावा पंरागत वेशभूषा में स्कूली बच्चों की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया.
राजपथ के दोनों ओर टकटकी बांध कर ये नजारा देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद थे.
सर्दी का मौसम होने के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी.
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान करतब दिखाते बाइब सवार.
गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई अनहोनी न होने पाये, इसके लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया था.
राजपथ पर स्थित मुख्य समारोह स्थल पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन बजने के साथ ही परेड शुरू हो गयी. इस मौके पर गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भूटान नरेश जिग्मे खेसर नांग्येन वांगचुक सलामी मंच पर मौजूद थे.
परेड शुरू होने से चंद मिनट पहले प्रधानमंत्री के साथ थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने अमर शहीद जवानों को इंडिया गेट पर स्थित ‘अमर जवान ज्योति ’ पर श्रद्धांजलि दी.
परंपरागत ढंग से 21 तोपों की सलामी हुई. फिर सेना के चार हेलीकाप्टरों ने राजपथ पर उपर आसमान में उडान भरी. एक हेलीकाप्टर पर तिरंगा और बाकी तीन पर थलसेना, नौसेना और वायुसेना के झंडे लहरा रहे थे.
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की झांकी ब्रज की होली पर केंद्रित थी. ब्रज की होली के कई मनमोहक दृश्यों को पेश करने का बेहतरीन प्रयास था.
देश के कई राज्यों की झांकी इस बार राजपथ पर दिखीं. इनमें पश्चिम बंगाल की झांकी खासी अहम थी क्योंकि यह भारतीय आध्यात्म का झंडा पूरी दुनिया में बुलंद करने वाले स्वामी विवेकानंद पर केंद्रित थी. देश भर में इस साल विवेकानंद की 150वीं जयन्ती मनायी जा रही है.
तीनों सेनाओं, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल, एनसीसी कैडेटों और स्कूली बच्चों की परेड, ब्रहमोस और अग्नि-5 सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस हथियार, विभिन्न प्रदेशों और मंत्रालयों की रंग बिरंगी झाकियां और बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम 64वें गणतंत्र दिवस समारोह का आकषर्ण रहे.
राजपथ पर एमबीटी अर्जुन टैंक, बख्तरबंद एंबुलेंस ट्रैक्ड वाहन, ब्रहमोस मिसाइल, 214 एमएम पिनाका राकेट और 15 मीटर सर्वत्र ब्रिजिंग प्रणाली को लोगों ने गर्व के साथ देखा.
दिल्ली के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रोतो मित्रा ने सैन्य और पुलिस दस्तों की परेड का नेतृत्व किया.
दो किलोमीटर लंबे राजपथ पर बैंड की धुनों पर पूरी लय में कदम से कदम मिलाते हुए सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरती डीआरडीओ की झांकी.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता सेवानिवृत अधिकारियों का दस्ता.
बतौर राष्ट्रपति मुखर्जी ने आज पहली बार गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता भारतीय कोस्ट गार्ड का दस्ता.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता एनएसएस का दस्ता.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता सीमा सुरक्षा बल का दस्ता.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता दिल्ली पुलिस का दस्ता.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ से गुजरता ऊंटों का दस्ता.
राजपथ से लालकिले तक आठ किलोमीटर के रास्ते पर बच्चे, बूढे और हर खासो आम का हुजूम जमा था.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों ने भी राजपथ पर मार्च किया.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर कार्यक्रम प्रस्तुत करते स्कूली बच्चे.
जिन राज्यों एवं विभागों की झांकी आकर्षण का केंद्र रही उनमें पश्चिम बंगाल (स्वामी विवेकानंद को श्रदांजलि), जम्मू एवं कश्मीर (पशमीना के जरिये परंपरा से लेकर आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन), केरल (हाउसबोट), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (100 साल का सिनेमा), सामाजिक न्याय मंत्रालय (विकलांगों की समाज में हिस्सेदारी), केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (फूलों से बनी पूरी झांकी).
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर करतब दिखाते सीमा सुरक्षा बल के जवान.
इस मौके पर बीएसएफ के डेयर डेविल्स मोटरसाइकिल सवारों ने अपने करतब से लागों का मन मोह लिया.
परेड स्थल के ऊपर उड़ान भरते भारतीय वायुसेना के विमान.
ऊपर आसमान में हेलीकाप्टरों से निगरानी की जा रही थी और नीचे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और परेड के रास्ते में पडने वाली बहुमंजिला इमारतों पर शार्प शूटर तैनात थे. चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों का पहरा था.