scorecardresearch
 
Advertisement
भारत

2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां

2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 1/10
वसंत विहार गैंगरेप केस में फैसला
16 दिसंबर, 2012 की रात वसंत विहार के पास चलती बस में ज्योति के साथ गैंगरेप और दरिंदगी की गई थी, जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने दिल्ली और देश भर के इलाकों में कई दिनों तक जोरदार प्रदर्शन किए थे. 23 वर्षीय फीजियोथैरेपी की छात्रा ने 13 दिन तक अस्पताल में मौत से संघर्ष करते हुए सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया था. 1200 पन्नों की चार्जशीट, 86 गवाहियां और 243 दिनों की सुनवाई के बाद आखिरकार वह फैसला आ गया जिसका इंतजार पूरे देश को था. ज्योति के हत्यारे चारों दरिंदों मुकेश शर्मा, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को दिल्ली की साकेत अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. अदालत ने मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' श्रेणी में रखते हुए यह फैसला सुनाया.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 2/10
आरुषि-हेमराज हत्याकांड पर फैसला
गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने आरुषि तलवार और हेमराज की बहुचर्चित मर्डर मिस्‍ट्री के मुख्‍य आरोपी और आरुषि के माता-पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों को आईपीसी की धारा 302 (हत्‍या) के तहत दोषी ठहराया है. इसके अलावा राजेश तलवार को आईपीसी की धारा 203 (गलत एफआईआर दर्ज कराने के दोषी), 201 (सबूत मिटाना)और 34 (कॉमन इंटेंशन) के तहत दोषी माना है. वहीं, नूपुर को 302 के अलावा धारा 201 और 34 के तहत दोषी ठहराया है.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 3/10
समलैंगिक रिश्ता है अपराधः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दो व्यस्कों के बीच सहमति से बने समलैंगिक रिश्ते को अपराध करार दिया. कोर्ट ने इस फैसले से समलैंगिक समुदाय को बड़ा झटका लगा. दिल्ली हाईकोर्ट के 2009 में दिए गए फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जी.एस.सिंघवी और एस.जे.मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 377 को बदलने के लिए कोई संवैधानिक गुंजाइश नहीं है. आपको बता दें कि धारा 377 के तहत दो व्यस्कों के बीच समलैंगिक रिश्ते को अपराध माना गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने धारा 377 के तहत के समलैगिक रिश्ते को गैर अपराधिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि अगर सरकार चाहे तो कानून में संशोधन करवा सकती है.

Advertisement
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 4/10
चारा घोटालाः लालू, जगन्नाथ मिश्र और जगदीश शर्मा को जेल
सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में 30 सितंबर को सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया. आरोपियों को तीन साल के कारावास और 50 लाख रुपये हर्जाना भरने की सजा सुनाई. लालू प्रसाद को पांच वर्ष कैद की सजा मिली. उनपर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया. कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और जेडीयू के नेता जगदीश शर्मा को चार-चार साल कारावास की सजा सुनाई.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 5/10
1993 मुंबई ब्लास्ट में फैसला, संजय दत्त को 5 साल की सजा
मुंबई में 1993 में हुए बम ब्लास्ट के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की मौत की सजा को बरकार रखा और कुल 27 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत 5 साल की सजा मिली. गौरतलब है कि संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने 6 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर 5 साल कर दिया. संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से 9 एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था. ये हथियार उन्हीं विस्फोटक सामग्री और हथियारों की खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में किया गया था. इन धमाकों में 257 व्यक्ति मारे गये थे और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 6/10
सजायाफ्ता सांसद या विधायक सजा की तारीख से पद पर रहने के अयोग्यः सुप्रीम कोर्ट
दोषी सांसदों और विधायकों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सजायाफ्ता सांसद या विधायक सजा की तारीख से पद पर रहने के अयोग्य होंगे. 10 जुलाई को अदालत ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को रद्द करते हुए ये भी कहा कि ये धारा पक्षपातपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब तक लालू प्रसाद, रशीद मसूद और जगदीश शर्मा संसद सदस्यता रद्द हो चुकी है.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 7/10
सिर्फ संवैधानिक पद बैठे लोग करें लाल बत्ती का इस्तेमालः सुप्रीम कोर्ट
लाल बत्ती पर सख्ती बरतते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इसका इस्तेमाल सिर्फ संवैधानिक पद पर बैठे लोग कर सकते हैं. पुलिस, एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को नीली बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार लाल बत्ती के इस्तेमाल करने वालों की सूची नहीं बढ़ा सकती.

2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 8/10
कांग्रेस नेता रशीद मसूद को सजा
विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में 1990 से 1991 तक स्वास्थ्य मंत्री रहे रशीद मसूद को देशभर के मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय पूल से त्रिपुरा को आवंटित एमबीबीएस सीटों पर अयोग्य उम्मीदवारों को धोखाधड़ी कर नामित करने का दोषी पाया. विशेष सीबीआई जज जे.पी.एस. मलिक ने मसूद को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता की घारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और 468 (फर्जीवाड़ा) के तहत दोषी करार दिया. उन्हें चार साल के कारावास की सजा सुनाई.
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 9/10
लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार में सभी आरोपी बरी
बिहार के लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार केस में सभी 26 आरोपी बरी हो गए. निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. गौरतलब है कि भूमि विवाद को लेकर हुए इस नरसंहार में भूपतियों और उच्च जाति के प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के लोगों ने एक दिसंबर 1997 को लक्ष्मणपुर-बाथे गांव में 58 दलितों की हत्या कर दी थी. मरने वालों में 27 औरतें 16 बच्चे शामिल थे. रणवीर सेना के करीब 100 सशस्त्र सदस्य आरा से सोन नदी के जरिए लक्ष्मणपुर-बाथे गांव पहुंचे थे और इस नरसंहार को अंजाम दिया था. आपको बता दें कि पटना की एक विशेष अदालत ने सात अप्रैल 2010 को बिहार के अरवल जिले के लक्ष्मणपुर-बाथे नरसंहार मामले में 16 अभियुक्तों को फांसी और दस को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
Advertisement
2013 में कोर्ट के वो फैसले जिन्होंने बटोरी सुर्खियां
  • 10/10
लिव-इन रिलेशनशिप न अपराध, न ही कोई पाप: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन न तो अपराध है और न ही पाप है.  साथ ही अदालत ने संसद से कहा है कि इस तरह के संबंधों में रह रही महिलाओं और उनसे जन्मे बच्चों की रक्षा के लिए कानून बनाया जाए. कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप के एक मामले में फैसला देते हुए ऐसे रिश्तों की परिभाषा नए सिरे से गढ़ी.

Advertisement
Advertisement