प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल 'कैंसल कल्चर' में फंस गया है. पीएम मोदी संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे, जिस दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार की लगभग सभी योजनाओं के विरोध का जिक्र किया.
उन्होंने लोकसभा में कहा, 'कांग्रेस कैंसल कल्चर में फंस गई है. हम कहते हैं मेक इन इंडिया, वे कहते हैं कैंसल, हम कहते हैं आत्मनिर्भर भारत, कांग्रेस कहती है कैंसल. हम कहते हैं वोकल फॉर लोकल, कांग्रेस कहती है कैंसल... कब तक आप इतनी नफरत पालते रहोगे, कि आप देश की उपलब्धि को भी कैंसल करने की कोशिश कर रहे हैं?' आइए जानते हैं वास्तव में 'कैंसल कल्चर' है क्या और यह भारत में और भारतीयों के विरुद्ध कब-कब प्रकट हुआ है?
'कैंसल कल्चर' का मतलब
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, कैंसल कल्चर 'सामाजिक या व्यावसायिक जीवन में किसी का बहिष्कार करना है, क्योंकि उसने कुछ ऐसा कहा या किया है जिससे अन्य लोग सहमत नहीं थे'. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भाजपा सरकार की हर योजना का बहिष्कार करने की कोशिश कर रही है, चाहे वह कितनी भी फायदेमंद क्यों न हो. कैंसल कल्चर, मूल रूप से उन व्यक्तियों या संस्थाओं को बहिष्कृत करने का एक तरीका है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने सामाजिक मानकों द्वारा अस्वीकार्य समझे जाने वाले तरीकों से कार्य किया है.
'कैंसल कल्चर' और भारतीय
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स स्टूडेंट्स यूनियन (LSESU) के महासचिव पद पर जीत हासिल करने वाले हरियाणा के छात्र करण कटारिया ने पिछले साल आरोप लगाया कि उन्हें पद से हटाने के पीछे कैंसल कल्चर था. कटारिया ने आरोप लगाया कि उनके 'भारतीय और हिंदू' होने के कारण उन्हें बदनाम करने के लिए बकायदा कैम्पेन चलाया गया और उन्हें अपना पक्ष पूरी तरह से रखने का मौका नहीं दिया गया.
विदेशों में रहने वाले भारतीयों को छोड़िए, भारत में भी कई मशहूर हस्तियों और फिल्मों को 'कैंसल कल्चर' का सामना करना पड़ा है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद उनकी गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती को सोशल मीडिया पर बदनाम किया गया. उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल शुरू हो गया. विवेक अग्निहोत्री निर्देशित 'द कश्मीर फाइल्स' को 2022 में ही फिल्म इंडस्ट्री से इसी 'कैंसल कल्चर' का सामना करना पड़ा.
विवेक अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स का बहिष्कार किए जाने और इसके खिलाफ निगेटिव कैम्पेन चलाने को लेकर कहा था, 'बहुत फिल्मों का बहिष्कार होता है. कश्मीर फाइल्स का पूरे बॉलीवुड ने, आलोचकों ने, मीडिया ने, प्रदर्शकों ने, सबने ही बहिष्कार कर दिया था. लेकिन अगर आपकी फिल्म ईमानदार है... दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती'.
'द केरला स्टोरी', एक और फिल्म थी जिसे रिलीज होने से पहले ही एक खतरनाक अभियान का सामना करना पड़ा था. आलोचकों ने 2023 में रिलीज हुई इस फिल्म को असहिष्णु करार दिया, जब इसमें एक ऐसी कहानी प्रस्तुत की गई जो उनके विचारों से मेल नहीं खाती थी. आमिर खान ने भी, 'बॉलीवुड और लाल सिंह चड्ढा के बहिष्कार' पर सोशल मीडिया ट्रेंड के बारे में बात की. आमिर ने 2022 में अनुरोध किया, '...कृपया मेरी फिल्म का बहिष्कार न करें. कृपया पहले मेरी फिल्म देखें फिर कोई राय बनाएं'.