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West Bengal में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने थाम लिया TMC का हाथ

पश्चिम बंगाल में अब कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं बचा है. उनके इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी का दामन थामकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. बिस्वास को अभिषेक बनर्जी ने खुद टीएमसी में शामिल किया है.

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कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास को टीएमसी की सदस्यता दिलाते अभिषेक बनर्जी.
कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास को टीएमसी की सदस्यता दिलाते अभिषेक बनर्जी.

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के इकलौते विधायक और बिजनेसमैन बायरन बिस्वास ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बिस्वास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस सीट पर उन्हें वाम दलों का समर्थन भी मिला था, जिसके चलते ही उन्होंने टीएमसी के प्रत्याशी को भारी अंतर से हराने में कामयाबी हासिल की थी.

बायरन बिस्वास का इस समय टीएमसी ज्वाइन करना इसलिए भी अहम है, क्योंकि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी सार्वजनिक तौर पर कह चुकी हैं कि बंगाल में काग्रेस तृणमूल का सहयोग करे. इसके बदले में TMC देशभर की 200 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार है. 

बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की बात कही थी. ममता ने कहा था कि TMC उन राज्यों में कांग्रेस का समर्थन करने को तैयार है, जहां वे (कांग्रेस) मजबूत हैं. इसके अलावा ममता ने कहा था कि कांग्रेस को बंगाल जैसे राज्यों में TMC की मदद करनी होगी.

2024 के लिए बातचीत शुरू करने की है मंशा

दरअसल, TMC प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव का फॉर्मूला तय करने के लिए सभी विपक्षी दलों के बीच बातचीत शुरू करना चाहती हैं. राज्य सचिवालय नबन्ना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'मैं कोई जादूगर नहीं हूं, न ही ज्योतिषी. मैं नहीं कह सकती कि भविष्य में क्या होगा. लेकिन मैं आपको एक बात बता सकती हूं, जहां क्षेत्रीय पार्टी मजबूत हैं, वहां बीजेपी नहीं लड़ सकती है. और जहां लोग निराश हैं, वहां भी. कर्नाटक में डाला गया वोट बीजेपी सरकार के खिलाफ एक जनादेश है.'

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जहां मजबूत है कांग्रेस, वहां लड़ाई लड़े: ममता

ममता बनर्जी ने आगे कहा था कि जिन सीटों पर कांग्रेस पार्टी मजबूत है, वहां वो भाजपा से लड़ सकती है. उन्होंने कहा था, 'मजबूत पार्टी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और जहां भी कांग्रेस पार्टी मजबूत है उन्हें लड़ने दो, हम समर्थन देंगे. लेकिन इसके लिए कांग्रेस को भी दूसरी पार्टियों का समर्थन करना होगा.'

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