उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार इन तीन राज्यों में कुदरत का कहर बरपा है. उत्तराखंड के धराली में तबाही के बाद अब हालात संभल रहे हैं, लेकिन जख्म गहरे हैं. बिहार में सैलाब ने कई जिलों को घेर लिया है, लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में बारिश-बाढ़ से नदियां उफान पर हैं, खतरा बढ़ता ही जा रहा है. पहाड़ से मैदान तक बारिश और सैलाब का मंजर है.
यूपी में भी बारिश-बाढ़ का सितम
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा, मुरादाबाद, बिजनौर में बाढ़ का सितम जारी है. बुलंदशहर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 2 फीट ऊपर है. गंगा किनारे के गांवों में पानी भरा है. प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से गंगा किनारे नहीं जाने की अपील की है.
उधर, मथुरा में बाढ़ जैसे हालात हैं. सड़कों पर यमुना का पानी बह रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
बिहार में बाढ़ का कहर
बिहार के कई जिलों में सैलाब से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. भागलपुर, भोजपुर, मुंगेर, बगहा, खगड़िया, बेगूसराय में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. यहां नदियां उफान पर हैं. बाढ़ के पानी ने अब कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
हालात पर काबू पाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है लेकिन नदियों के रौद्र रूप को देखकर लगता है कि बिहार में बाढ़ का खौफनाक कहर अभी और देखने को मिल सकता है. भागलपुर में कई गांव ऐसे हैं, जहां बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. आलम ये है कि स्कूल,घर, खेत-खलिहान सब डूब गए हैं.
मुरादाबाद और रामनगर में बाढ़ की त्रासदी से कोहराम मचा है. जन-जीवन ठप है. हर जगह सिर्फ पानी ही पानी है. मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से सड़क पर सैलाब आया है, कई फीट तक पानी भरा है. बाढ़-बारिश का असर बिजनौर में भी दिखाई दे रहा है.