हैदराबाद में बुधवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने साफ कहा कि आने वाली तेलंगाना एजुकेशन पॉलिसी (TEP) सिर्फ राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक “गाइडिंग कम्पास” बनेगी. उन्होंने बताया कि सरकार शिक्षा व्यवस्था में पूरी तरह सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भाषा, नॉलेज, स्किल्स और खेल का संतुलन बने.
सीएम ने कहा कि नई पॉलिसी जमीन की हकीकत, सामाजिक जरूरतों और आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी. उन्होंने माना कि गरीबी को मिटाने का सबसे बड़ा हथियार आज एजुकेशन ही है लेकिन अफसोस यह है कि बड़ी रकम खर्च होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में नामांकन घट रहा है और माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना पसंद करते हैं.
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रेवंत रेड्डी ने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार बनने के तुरंत बाद टीचर भर्ती, प्रमोशन और ट्रांसफर पर काम किया गया, लेकिन आज भी स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक क्वालिटी घट रही है. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले लाखों युवाओं में से सिर्फ 10% को ही जॉब मिल पा रही है, क्योंकि स्किल्स की कमी है.
तेलंगाना एजुकेशन पॉलिसी राज्य के विजन डॉक्युमेंट 2047 में शामिल होगी
सीएम ने माना कि युवाओं में नशे की लत भी रोजगार की कमी और एजुकेशन नेगलेक्ट से जुड़ी है. इसी वजह से सरकार ने ITIs में कोर्स मॉडर्नाइज किए, यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी बनाई और इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से करिकुलम को बदला. उन्होंने घोषणा की कि तेलंगाना एजुकेशन पॉलिसी राज्य के विजन डॉक्युमेंट 2047 में शामिल होगी, जिसे 9 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा.
इसमें प्राइमरी से लेकर स्किल एजुकेशन तक सबकुछ शामिल होगा. साथ ही, गरीबों को सशक्त बनाने के लिए गुरुकुल स्कूलों में जाति और वर्ग के आधार पर बंटवारे को खत्म करने की बात कही.
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शिक्षा सुधार पर किए जाएंगे खर्च
सीएम ने यह भी कहा कि शिक्षा सुधारों पर सरकार पैसा खर्च करने से पीछे नहीं हटेगी. इसके लिए एक स्पेशल एजुकेशन कॉरपोरेशन बनाया जाएगा. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि शिक्षा पर खर्च को निवेश माना जाए और शिक्षा से जुड़ी लोन को FRBM लिमिट से बाहर रखा जाए.
बैठक में शिक्षा विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भी सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि एजुकेशन सिर्फ जॉब के लिए नहीं बल्कि अच्छे इंसान बनाने के लिए भी होना चाहिए. कुछ विशेषज्ञों ने मजाक में सीएम को ही राज्य का "एजुकेशन वॉलंटियर" बनने की गुजारिश की.