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'आतंकवाद के खात्मे के लिए रूस देगा साथ...', पुतिन ने PM मोदी से पहलगाम हमले पर की बात

रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. दोनों नेताओं ने विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई."

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पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनतानी का दौर जारी है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और समर्थन की बात कही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, "रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही है."

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रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. दोनों नेताओं ने विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई."

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए बुलाया है. 

पहलगाम में हुआ था आतंकी हमला 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है लेकिन अभी तक आतंकियों को पकड़ा नहीं जा सका है.

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अब तक क्यों नहीं पकड़े गए आतंकी?

कश्मीर का यह इलाका आतंकवादियों के लिए एक नेचुरल कैमफ्लेज (प्राकृतिक आवरण या छिपने में सहायक) की तरह काम करता है. इस कारण से सुरक्षा बलों को उनका पीछा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और गहन सर्च ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है.

यूएस जियोग्राफिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, पहलगाम के पास सबसे ऊंचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट की लगभग आधी ऊंचाई का है, जो बैसरन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. यह पहाड़ अपनी 15,108 फीट तक की चोटियों के साथ, इस क्षेत्र में ऊबड़-खाबड़ पर्वत श्रृंखलाओं और पूर्व की ओर घने जंगलों का जाल बनाता है, जहां आतंकवादी छिपे हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें: J-K: पहलगाम पहुंचीं पूर्व CM महबूबा मुफ्ती, हमले वाली जगह का लिया जायजा

ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए ट्रेंड आतंकी

भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का मानना ​​है कि पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकवादी ऐसी भागौलिक परिस्थितियों के लिए ट्रेंड हैं और उन्होंने युद्ध प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है. माना जाता है कि आतंवादियों में से एक हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक पूर्व पाकिस्तानी पैरा कमांडो है. वह अपने सैन्य प्रशिक्षण और सामरिक विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. 

खुफिया जानकारी से पता चलता है कि पहलगाम आतंकी हमला सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से किया गया था. आतंकवादियों ने दो महीने पहले सांबा-कठुआ कॉरिडोर के जरिए क्षेत्र में घुसपैठ की थी.

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