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लंदन से नर्स की नौकरी छोड़ भारत शिफ्ट होने वाली थीं रंजीता, नया घर भी तैयार था... अहमदाबाद विमान हादसे ने छीन लीं खुशियां

केरल के तिरुवल्ला की रहने वाली रंजीता ने शायद ही सोचा होगा कि अपने दो बच्चों और बुजुर्ग मां को आखिरी बार देखने के बाद जब वह अहमदाबाद एयरपोर्ट से फ्लाइट लेंगी, तो वह सफर वापसी का नहीं, हमेशा की जुदाई का होगा. अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे ने रंजीता की जिंदगी छीन ली, और उसके साथ-साथ उनके परिवार की उम्मीदें, सपने और सुकून भी. रंजीता यूके में नर्स की नौकरी कर रही थीं. वह कुछ समय पहले ही अपने घर लौटी थीं.

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केरल की नर्स रंजीता. (File)
केरल की नर्स रंजीता. (File)

अहमदाबाद विमान हादसे में जिन यात्रियों की जान गई, उनमें केरल के पतनमत्तिट्टा जिले के तिरुवल्ला की रहने वाली रंजीता भी शामिल थीं. वह यूके में बतौर नर्स काम कर रही थीं और हाल ही में कुछ जरूरी दस्तावेजों पर साइन करने भारत आई थीं. वह वापस यूके लौट रही थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. रंजीता की मौत ने उनके परिवार और पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है.

रंजीता ने अपने करियर की शुरुआत 2014 में ओमान के सलालाह में बतौर नर्स की थी. वहां वह अपने परिवार के साथ कुछ वर्षों तक रहीं. बाद में जब उन्हें यूके में नौकरी मिली तो उन्होंने सरकारी सेवा से लंबी छुट्टी लेकर विदेश में काम करने का फैसला लिया. बीते साल उनका परिवार ओमान छोड़कर तिरुवल्ला में शिफ्ट हो गया, ताकि बच्चे यहीं पढ़ाई कर सकें और परिवार का साथ मिल सके.

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रंजीता यूके में अस्थायी रूप से काम कर रही थीं. वह भारत में दोबारा सरकारी सेवा में शामिल होना चाहती थीं. वे स्थायी रूप से भारत में अपने परिवार के साथ रहना चाहती थीं. वह अपना नया घर भी बनवा रही थीं. घर का काम लगभग पूरा हो चुका था और परिवार जल्द ही उसमें शिफ्ट होने की तैयारी कर रहा था.

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हादसे में जान गंवाने वाली रंजीता अपने पीछे अपनी मां और दो बच्चों को छोड़ गई हैं. उनका बेटा 10वीं कक्षा में पढ़ रहा है जबकि बेटी 7वीं कक्षा में है. बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को लेकर वह हमेशा चिंतित रहती थीं. रंजीता का सपना था कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और उनके साथ ज्यादा वक्त बिता सकें.

परिवार के करीबी लोगों के मुताबिक, रंजीता यूके की नौकरी छोड़कर सरकारी सेवा में फिर से शामिल होने की प्रक्रिया में थीं. इसीलिए वह कुछ दिनों के लिए भारत आई थीं. नियति ने उन्हें हमसे छीन लिया. रंजीता की मौत ने परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है. परिजन गहरे सदमे में हैं. तिरुवल्ला इलाके में शोक की लहर है.

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