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'Thousand cut... का सपना देखने वालों,' राजनाथ सिंह की ये बात आसिम मुनीर को चुभेगी

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुश्मनी बराबर वालों से होनी चाहिए. शेरों को मेंढकों से नहीं लड़ना चाहिए. हम शेर हैं. शेर और मेंढक में कोई समानता नहीं है. पाकिस्तान आकार, कद और ताकत में छोटा है.

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आसिम मुनीर कश्मीर के आतंकियों को समर्थन करने का ऐलान करते रहे हैं. (File Photo: PTI)
आसिम मुनीर कश्मीर के आतंकियों को समर्थन करने का ऐलान करते रहे हैं. (File Photo: PTI)

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बयान देते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को संदेश देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और ISI आतंकवाद को एक छद्म युद्ध के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उसके सहारे वे भारत को अस्थिर करने का सपना देखते हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि वे लोकतंत्र के मंदिर में खड़े होकर यह बात कह रहे हैं कि भारत को हजार जख्म (Thousand Cuts) देने का सपना पालने वालों को नींद से जाग जाना चाहिए. यह मोदीजी के नेतृत्व वाला नया भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. 

रक्षा मंत्री ने भारत सरकार की आगे की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम अगर शांति की आशा के लिए हाथ बढ़ाना जानते हैं तो अशांति फैलाने वाले हाथों को उखाड़ना भी जानते हैं. अगर शांति के प्रयास करना जानते हैं तो दुष्टों को जो भाषा समझ में आए उसी भाषा में समझाना भी जानते हैं. उन्होंने कहा कि शठे शाठ्यम समाचरेत् अर्थात दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए. 

क्या है पाकिस्तान की थाउजैंड कट्स पॉलिसी?

पाकिस्तान की "थाउजैंड कट्स पॉलिसी" एक सैन्य और रणनीतिक सिद्धांत है. इसका उद्देश्य भारत को कमजोर करने के लिए कम लागत वाली, छद्म युद्ध और आतंकवाद के माध्यम से लगातार छोटे-छोटे हमले करना है.

यह नीति 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना ने तब अपनाई जब उन्हें समझ में आ गया कि सीधे युद्ध में भारत से जीतना मुश्किल है. इसके बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक औपचारिक नीति के रूप में अपनाया. और जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कुछ शहरों में हमले करने लगा. इस रणनीति का उद्देश्य भारत को लगातार मानसिक, आर्थिक और सुरक्षा के स्तर पर कमजोर करना है. 

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इस नीति को "ब्लीड इंडिया विद थाउजेंड कट्स" भी कहा जाता है, जिसका मतलब है भारत को हजारों जगहों से छोटा-छोटा नुकसान पहुंचाना है, इस रणनीति में पाकिस्तान छद्म युद्ध, आतंकवाद, और सीमा पार से छोटे हमलों को शामिल करता है ताकि भारत की स्थिरता को भंग किया जा सके. 

भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं आसिम मुनीर

गौरतलब है कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलते आए हैं. पहलगाम हमला से पहले उन्होंने "दो-राष्ट्र सिद्धांत" का बखान किया था और कहा था कि 'हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज़ अलग हैं, हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं'. आसिम मुनीर ने मुसलमानों को हर पायदान पर हिंदुओं से अलग बताया था. 

आसिम मुनीर ने इस दौरान कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया था. मुनीर ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी समूहों का समर्थन करते हुए इसे कश्मीरी लोगों का "वैध संघर्ष" बताया था. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आसिम मुनीर के लिए निश्चित रूप से चुभने वाला है. 

दुश्मनी बराबरी वालों से होनी चाहिए

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि दुश्मनी बराबर वालों से होनी चाहिए. शेरों को मेंढकों से नहीं लड़ना चाहिए. हम शेर हैं. शेर और मेंढक में कोई समानता नहीं है. पाकिस्तान आकार, कद और ताकत में छोटा है. भगवान कृष्ण ने शिशुपाल की 100 गलतियां माफ़ कर दीं. फिर सुदर्शन चक्र चलाया. हमने संसद पर हमला और 26/11 का हमला झेला. अब बहुत हो गया. हम भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों के शांत और वीरतापूर्ण स्वभाव से प्रेरित हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत उसी राह पर है. जब पाकिस्तान लाहौर बस यात्रा नहीं समझता था, अब बालाकोट की भाषा पाकिस्तान समझता है. 

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आतंकी शिविर को निशाना बनाना उद्देश्य 

राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सीमा पार करना या किसी क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं था, बल्कि आतंकवादी शिविरों, उनके समर्थकों को निशाना बनाना और उन्हें नष्ट करना था. उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य हमलों में किसी भी निर्दोष नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे ठिकानों पर हमला नहीं कर सका और हमारी किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, उन्होंने बताया कि भारत पीओके और पाकिस्तान में हुए नुकसान के सबूत हासिल करने में कामयाब रहा. 

राजनाथ सिं ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हमारी ताकत का प्रतीक है. यह दर्शाता है कि अगर कोई उसके नागरिकों को नुकसान पहुंचाता है तो भारत चुप नहीं रहेगा." उन्होंने कहा कि भारत पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन अगर कोई देश विश्वासघात करता है तो उसे रोकना भी जानता है. 

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