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'मेरे पहले भाषण से बेहतर था', राहुल गांधी ने की लोकसभा में प्रियंका की पहली स्पीच की तारीफ

भाषण के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता और प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, 'शानदार भाषण... मेरे पहले भाषण से बेहतर.' राहुल गांधी 2004 में पहली बार सांसद बने थे.

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राहुल गांधी ने की प्रियंका गांधी के पहले भाषण की तारीफ (फोटो: PTI)
राहुल गांधी ने की प्रियंका गांधी के पहले भाषण की तारीफ (फोटो: PTI)

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को सदन में प्रियंका गांधी के भाषण की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह सदन में उनके पहले भाषण से बेहतर था. केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभल और मणिपुर में हिंसा की घटनाओं से चिंतित नहीं हैं. पीएम मोदी यह नहीं समझ रहे हैं कि संविधान आरएसएस की रूल बुक नहीं है.

'मेरे पहले भाषण से बेहतर था'

लोकसभा में संविधान पर बहस में भाग लेते हुए, केरल के वायनाड से संसद प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सुरक्षा कवच है. लेकिन पिछले 10 साल में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे तोड़ने का हर संभव प्रयास किया है.

भाषण के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता और प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, 'शानदार भाषण... मेरे पहले भाषण से बेहतर.' राहुल गांधी 2004 में पहली बार सांसद बने थे.

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'आज के राजा आलोचनाओं से डरते हैं'

संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को 14वें दिन संविधान पर चर्चा हुई. प्रियंका गांधी ने लोकसभा में केंद्र की एनडीए सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, 'आज के राजा आलोचनाओं से डरते हैं. विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है. उन्हें सताया जाता है. पूरे देश का माहौल भय से भर दिया है.' 

उन्होंने कहा, 'मैं याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था. जब इस तरफ बैठे हुए गांधी के विचारधारा के लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब उस विचारधारा के लोग अंग्रेजों के साथ सांठ-गांठ कर रहे थे. लेकिन भय का भी अपना स्वभाव होता है. भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार बन जाते हैं. आज इनकी भी यही हालत हो गई है. भय फैलाने के इतने आदी हो गए हैं कि चर्चा से डरते हैं. आलोचनाओं से डरते हैं.

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