वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वो मान रहे हैं कि उनके वक्त पर युवाओं को रोजगार नहीं मिला, मैं कहती हूं उनके वक्त पर कुछ नहीं हुआ. उस वक्त देश के बैंकों को भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने ये बातें आजतक से खास बातचीत के दौरान कही हैं.
इंटरव्यू के दौरान जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि राहुल गांधी करते हैं, मेक इन इंडिया सरकार की पहल अच्छी थी, लेकिन वह फेल हो गई. जैसे हम यूपीए के कार्यकाल में युवाओं के मुद्दे नहीं हल कर पाए, वैसे ही एनडीए सरकार इस कार्यकाल में हल नहीं कर पा रही है. इस सवाल पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने दावा किया कि यूपीए की सरकार में कुछ भी नहीं हुआ था. उस वक्त देश के बैंकों को भारी नुकसान हुआ था.
'उद्योगपति बंद कर रहे थे कंपनियां'
उन्होंने ये भी दावा किया कि उद्योगपति अपनी कंपनियां बंद कर रहे थे और कुछ तो अपना पैसा बचाने के लिए, शायद वो बाहर भी जा रहे थे. कॉर्पोरेट की बैलेंस शीट खबर थी, जिसकी वजह से बैंकों की बैलेंस शीट भी खराब हो गई. ऐसी स्थिति में ये स्वीकार करना कि हम जॉब नहीं दे पाए. इसका कोई मतलब नहीं बनता. इकोनॉमी को इतनी बुरी हालत में छोड़कर जाने वाले नेता इसको बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जॉब नहीं दे पाए.
'टॉप पाइव में पहुंचाई इकोनॉमी'
उन्होंने कहा कि इकोनॉमी की हालत पर ही बात कर लेते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि उनके 10 साल के कार्यकाल में इकोनॉमी नीचे से पांचवें नंबर पर थी और मोदी जी ने इकोनॉमी को ऊपर से पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि दस साल में जो उन्होंने (यूपीए सरकार) ने किया, उसे साफ करने में हमें चार-पांच साल लग गए. उनके कार्यकाल में बैंकों को कितना नुकसान हुआ और बैंकों की वजह से इस देश की इकोनॉमी को कितना ज्यादा नुकसान हुआ. जिन्हें बैंक से बेनिफिट मिला वो इस देश को छोड़कर चले गए. उनके कार्यकाल में इकोनॉमिक ऑफेंडर्स पैसा लेकर भाग गए.
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